नारियल से जुड़ी कुछ बातें | Benefits of Coconut in Hindi

नारियल

जानिए नारियल क्या है।

नारियल कठिन सख्त प्रजाति का एक फल है जो ताड, खजूर एवं सुपारी (arecaceae) के परिवार से ताल्लुक रखता है। इस फल के पेड़ का वैज्ञानिक नाम है कोकोस नुसफेरा (cocos nucifera)। वनस्पति विज्ञान में यह फल स्टोन फ्रूट (stone fruit) अर्थात गुठलीदार फल या पथरीले फलों के श्रेणी में आता है।

यह फल के वृक्ष तटीय उष्णकटिबंधीय क्षेत्र वाले देशों में सबसे अधिक मात्रा में देखने को मिलता है। खारे पानी के क्षेत्र एवं भूमि में इसकी उपज सबसे ज्यादा होती है।

यह फल का सेवन कच्चे हरे डाभ अवस्था में सिर्फ पानी के लिए अथवा पके हुए फल नारियल के रूप में पानी एवं मलाई के लिए उपयोग किया जाता है। पूरे विश्व में यह फल को बहुत पसंद किया जाता है एवं यह सभी को प्रिय है।

अब आइए जानते हैं नारियल से जुड़ी कुछ कही अनकही बातें,

नारियल को विभिन्न भाषा में क्या कहते है?

  • नारियल को संस्कृत भाषा में नारिकेल, महाफल कहा जाता है। हिन्दू धार्मिक रीत में इसे श्रीफल कहा जाता है। भारत के विभिन्न प्रान्तों में इसे नारिकेल (बंगाल), नारियल या गरी (बिहार), गोटोमा (ओड़ीसा) नारळ (महाराष्ट्र), श्रीफल या नारियल (गुजरात), नालिकेरम (केरल), अंग्रेज़ी में कोकोनट (coconut) कहा जाता है।

नारियल में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व।

  • एक 100 ग्राम नारियल के सेवन से लगभग 350 cal ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • एक 100 ग्राम नारियल में लगभग 30 प्रतिशत फैट, 15 प्रतिशत कार्बोहायड्रेट, 3 ग्राम प्रोटीन एवं आयरन, फ़ास्फ़रोस, कॉपर, मैंगनीज, जिंक मौजूद है।
  • इस फल में लगभग सभी प्रकार के विटामिन्स मौजूद है जैसे विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, थियामिन, फोलेट इत्यादि।
  • एक 100 ग्राम नारियल में लगभग 40 प्रतिशत पानी मौजूद रहता है।

परंपरा एवं नारियल

  • भारतवर्ष में नारियल शुभता का प्रतीक है। प्राचीन समय से यह फल को ईश्वर की पूजा, शुभ अनुष्ठान इत्यादि में उपयोग करना अनिवार्य रहा है। यह फल को श्रीफल कहा जाता है जो हिन्दू पूजा पद्धति के अनुसार पञ्च फल का एक फल है।
  • श्रीफल श्री गणेश एवं श्री लक्ष्मी की पूजा तथा कलश स्थापना में होना अनिवार्य है।
  • विश्व के अन्य कई देशों में नारियल की शुभता को मान्यता दी जाती है।

रंधन प्रक्रिया में नारियल का उपयोग।

  • नारियल का पानी, दूध, तेल, मलाई, मक्खन पूरे विश्व के पाक रंधन शैली में उपयोग किया जाता है।  
  • वेगन डाइट का पालन करने वाले व्यक्ति गाय या भैस का दूध एवं मक्खन के बदले में नारियल के दूध एवं मक्खन का सेवन करते हैं।
  • नारियल से मिलने वाला कोकोनट बटर एक उत्कृष्ट मान के चॉकलेट तैयार करने के लिए मुख्य एवं प्रधान सामग्री है।
  • नारियल से विभिन्न प्रकार की चॉकलेट, मिठाई तैयार की जाती है। भारत के हर त्योहार एवं पर्व में नारियल की मिठाई बनना अनिवार्य है। श्रीगणेश का प्रिय मिठाई मोदक है जिसमे नारियल को गुड़ में मिलाकर उपयोग में लाया जाता है।
  • नारियल तेल से भोजन पकाया जाता है। दक्षिण भारत रंधन शैली में नारियल तेल का खूब उपयोग होता है।

नारियल के कुछ मुख्य औषधीय गुण।

  • नारियल से प्राप्त तेल, केश एवं त्वचा के लिए बहुत लाभदायक है। यह तेल के उपयोग करने से केश मुलायम, घने एवं त्वचा उज्ज्वल होने लगती है।
  • अजीर्णता,अरुचि अथवा दस्त होने पर नारियल पानी पीने से इस परेशानी से जल्द छुटकारा मिलता है। शरीर में होने वाली कमज़ोरी से मुक्ति दिलाता है।
  • गर्मी के मौसम में लू के थपेड़ों से बचाता है।
  • गले की खराश को दूर करता है।
  • पीलिया की बीमारी के वक्त नारियल पानी के सेवन से यकॄत (lever) को मजबूती मिलती है।
  • शरीर पर चेचक बीमारी से उभरे काले दागों पर कच्चे नारियल का पानी लगाने से लाभ मिलता है। जल्द ही दाग निकल जाते हैं।

नारियल के द्वि-उत्पाद

नारियल के द्वि-उत्पाद
  • नारियल पेड़ के पत्तों से झाड़ू बनते हैं। नारियल के लचीले जालीदार छिलके से रस्सी, खाट के लिए गद्दा इत्यादि बनाया जाता है।
  • सख्त छिलके एवं जालीदार छिलके को गांव में सूखे ईंधन की तरह उपयोग किया जाता है। 
  • भारत के धार्मिक कार्य में अग्नि प्रज्वलित कर धूप देने के लिए भी नारियल के छिलके का उपयोग होता है।

नारियल से हानिकारक कीड़े मकोड़े भगाएं।

नारियल के सूखे छिलके को जलाकर घर में, आंगन में या खेत – खलिहानों में ।धुँवा का प्रबंध करने पर हानिकारक कीड़े मकौडों से छुटकारा पाया जा सकता है।

FAQ

1.नारियल खाने के क्या फायदे हैं?

Ans :- फाइबर, विटामिन्स एवं खनिज से भरपूर, यह बेहतर हृदय स्वास्थ्य, वजन घटाने और पाचन सहित कई लाभ प्रदान कर सकता है। फिर भी, यह कैलोरी और संतृप्त वसा (saturated fat) में उच्च है।

2. वर्तमान समय में नारियल एवं उसके द्वि-उत्पाद को किस तरह उपयोग किया जाता है?

Ans :- नारियल की भूसी से प्राप्त रेशे का उपयोग रस्सियाँ, चटाई, झाड़ू,और बिस्तर की गद्दी के रूप में किया जाता है। पत्ते, छिलके इत्यादि से कम्पोस्ट या जैविक खाद तैयार किया जाता है।

3.नारियल तेल कैसे बनता है?

Ans :- नारियल के अंदर की सुखी हुई सफेद खाद्य परत ही नारियल तेल का स्रोत है जिसे मशीन द्वारा पीसने से तेल का उत्पादन होता है।

4.नारियल का वैज्ञानिक नाम।

Ans :- इस फल के पेड़ का वैज्ञानिक नाम है कोकोस नुसफेरा (cocos nucifera)।

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