
परिचय
हरा लचीला दिखने वाला छोटा पत्तेदार पौधा पालक विभिन्न पौष्टिक तत्वों का स्रोत है। पूरे विश्व में यह पत्तेदार साग को बड़े ही चाव के साथ सेवन किया जाता है। हर किसीके के रसोईघर में यह सामग्री सदा उपलब्ध रहती है। यह साग का उपयोग करके चटनी से सब्जी जैसे विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किये जाते हैं। छोटा सा दिखने वाला यह पौधा असीमित गुणों का भंडार है।
यह साग झुंड या गुच्छों में उगता है जो परिपक्क होने के बाद उसके पतली लचीली डंडी सहित काट लिया जाता है। यह साग के पौधों की ऊँचाई ज़मीन से लगभग एक फुट से दो फीट के बीच में होती है।
पालक के कुछ विभिन्न नाम
पालक का वानस्पतिक नाम स्पिनसिया ओलारेसिया है। भारत देश में यह प्रधानतः पालक नाम से प्रचलित है।
- संस्कृत में यह पलक्या नाम से जाना जाता है।
- कुछ आंचलिक नाम,
- हिंदी- पालक शाक
- मराठी – पालक भाजी
- गुजराती- पालखनी भाजी
- बेंगली – पालोंग शाक
- कन्नड़- स्पिनच सोप्पू
- तेलगु- मट्टरवच्चलि
- इंग्लिश -स्पिनच
- फ्रेंच- एपिनार्ड
पौष्टिक तत्व
एक सौ ग्राम पालक में सिर्फ 23 kcal ऊर्जा उपलब्ध है। यह पौधे में लगभग 90% प्रतिशत पानी, 6 % कार्बोहायड्रेट, 4% प्रोटीन और बिल्कुल न के बराबर फैट मौजूद है।
इसमें सारे मुख्य विटामिन्स एवं खनिज उपलब्ध है जिसमे विटामिन ए, बी, सी, इ, के, में फोलेट, बी9, सी सबसे अधिक मात्रा में है।
खनिजों में आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध है। कैल्शियम, पोटासियम, सोडियम, जिंक भी मौजूद है।
यह सब्ज़ी के सेवन से लाभ
- यह सब्ज़ी आयरन, कैल्शियम एवं विटामिन के प्राप्त करने के लिए एक मुख्य स्रोत है। इसलिए इसके सेवन से त्वचा, हड्डी एवं बालों को मजबूती मिलती है।
- यह सब्ज़ी के सेवन से शरीर को तुरंत बल प्राप्त होने लगता है। इसलिए कमजोरी में यह सब्ज़ी से बने सूप का सेवन करना बहुत लाभदायक है।
- पालक के सेवन से हड्डियों के एवं जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक है।
- इसके सेवन से हजम क्रिया एवं पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है।
- इसके सेवन से जॉन्डिस जैसी बीमारी से राहत मिलती है। लीवर के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में सक्षम है।
- विटामिन ए, बी, सी, इ, के, में फोलेट, बी9, सी की मात्रा सबसे अधिक उपलब्ध रहने पर शरीर को इन सब की कमी से होने वाली बीमारी को ठीक करने में कारगर है।
- फोलेट, विटामिन के, मस्तिष्क के स्वास्थ को ठीक रखने में सहायक है जो यह सब्ज़ी में भरपूर मात्रा में मौजूद है।
- मौखिक स्वास्थ को स्वस्थ रखने में कारगर है।
- आँखों के स्वास्थ को स्वस्थ रखने के लिए यह कारगर है। मोतियाबिंद जैसी बीमारियों में इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
कुछ नुकसान संबंधित सावधानी
- किडनी की बीमारी अथवा पथरी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पालक पत्तों का सेवन करने से पहले निजी चिकित्सक का सलाह लेनी चाहिए।
- संतुलित एवं नियंत्रित मात्रा में यह सब्ज़ी का सेवन करना से ही स्वस्थ शरीर को पाया जा सकता है। इसलिए यह बात का ध्यान रखें एवं मात्रतिरिक्त सेवन न करें। अधिक सेवन से दस्त अथवा उल्टी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
यह सब्ज़ी से कुछ प्रचलित व्यंजन
यह सब्ज़ी को प्रयोग कर कई विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किये जाते है। जिनमे से पालक पनीर, दाल पालक, मकई पालक, पालक पराठा, सूप एपिनार्ड क्रेम, आलू पालक, पालक पकौड़े, ग्रीन चटनी, ग्रीन ग्रेवी इत्यादि।
FAQ
Q.पालक खाने से क्या क्या लाभ होते हैं?
Ans :- पालक में पर्याप्त मात्रा में विटामीन एवं खनिज मौजूद है। इसलिए इसका सेवन करने से सम्पूर्ण शरीर को पुष्टि प्राप्त होती है जिस से त्वचा, केश, आंख, लिवर जैसे अंगों को खास मजबूती मिलती है।
Q.पालक में कौनसा विटामिन होता है?
Ans :- पालक में विटामिन ए, बी, सी, ई एवं के पाया जाता है। यह सब्ज़ी में खनिज भी भरपूर मात्रा में मौजूद है जैसे कि कैल्शियम,पोटैशियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और सबसे कम मात्रा में सोडियम।
Q.पालक में कौन सा पोषक तत्व होता है?
Ans :- एक सौ ग्राम पालक में सिर्फ 23 kcal ऊर्जा उपलब्ध है। यह पौधे में लगभग 90% प्रतिशत पानी, 6 % कार्बोहायड्रेट, 4% प्रोटीन और बिल्कुल न के बराबर फैट मौजूद है।
इसमें सारे मुख्य विटामिन्स एवं खनिज उपलब्ध है जिसमे विटामिन ए, बी, सी, इ, के, में फोलेट, बी9, सी सबसे अधिक मात्रा में है।
Q.100 ग्राम पालक में कितना प्रोटीन होता है?
Ans :- 2.9 ग्राम प्रोटीन।
Q.पालक में कितना आयरन होता है?
Ans :- 100 ग्राम पालक में 2.71 mg आयरन होता है।
Q.क्या पालक में कैल्शियम होता है?
Ans :- सौ ग्राम पालक में 99 mg कैलशियम।
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