शकरकंद से जुड़ी कुछ कही अनकही बातें | Benefits of Sweet Potato in Hindi

Sweet Potato

परिचय

शकरकंद एक स्टार्चयुक्त, मीठा-स्वादिष्ट, कंदमूल है जो असल में एक द्विबीजपत्री पौधे की जड़ है। यह जड़ सेवन योग्य होने से इसे जड़ वाली सब्ज़ियो की श्रेणी में रखा गया है। 

इसका रंग थोड़ा बैंगनी लाल मिला हुआ होता है। इसका गठन अनियमित बेलनाकार होता है। इसे आलू कहा जाता है पर यह आलू नही होकर सिर्फ आलू की कुल से जूस सोलानल्स (solanales) से ताल्लुक रखता है।

यह भारत देश में लगभग सभी राज्य में उगाया जाता है।

विभिन्न नाम

  • इसका वानस्पतिक नाम है ईपोमोएआ बातातास् (Ipomoea batatas) एवं यह हरिणपदी कुल (convolvulaceae) परिवार से जुड़ा है।
  • संस्कृत- सितालुक
  • हिंदी- शकरकंद
  • मराठी- रतालू
  • गुजराती- सकरियो
  • बेंगली- रांगाआलू
  • कन्नड़- सक्कारिया
  • तेलगु- गेनासु
  • अंग्रेज़ी- स्वीट पोटाटो

पौष्टिक तत्व

एक सौ ग्राम सेवन करने से लगभग 85 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।

पानी का अंश लगभग 75% प्रतिशत रहता है।

इसमें विटामिन ए, बी, सी, इ, एवं खनिज में मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटासियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, फ़ास्फ़रोस मौजूद है।

विटामिन ए, बी6, विटामिन सी एवं मैंगनीज पोटासियम सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है।

पाक रंधन 

साधारणतः इसे उबालकर अथवा आग में भूनकर सेवन किया जाता है।

इससे कई प्रकार के व्यंजन तैयार किये जाते हैं जैसे शकरकंद फ्राई, रोस्ट शकरकंद, स्टीम्ड शकरकंद,उंधियू,

शकरकंद गुलाब जामुन मिठाई।

कोई भी सब्ज़ी या व्यंजन पकाते समय उसमे प्राकृतिक मिठास लाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

इससे मिलने वाले फायदें

  • इसके सेवन से तुरंत ऊर्जा प्राप्त होती है। शरीर की कमज़ोरी को दूर करने के लिए यह एक उत्तम सहायक है।
  • पेट में अपच होने से दिक्कत का सामना करना पड़ता है। शरीर में निर्जलीकरण प्रितिक्रिया होने लगती है। यह समय पर इसे उबालकर कर सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • पेट में अम्ल से जलन इत्यादि को कम करने के लिए इसका सेवन करना चाहिए।
  • इसे पीसकर चेहरे एवं त्वचा पर लेप लगाने से उज्ज्वलता प्राप्त हो सकती है।
  • इसके सेवन से केश के स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है।
  • इसके पत्तों को शाक भाजी की तरह सेवन किया जा सकता है जो विटामिन एवं खनिज से परिपूर्ण है।
  • मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को शकरकंद करना सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से उचित माटी में पुष्टि एवं ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • इसका सेवन करने से दिल एवं दिमाग संबंधित स्वास्थ अच्छा रहता है।
  • इसके सेवन से कॉन्स्टिपेशन में राहत मिलती है।
  • बच्चों को इसका सेवन करना चाहिए। बढ़ते बच्चों के लिए यह विटामिन, खनिज का एक उत्तम स्रोत है।

सामान्य सावधानियां

  • अतिरिक्त मात्रा में कोई भी खाद्य वस्तु का सेवन ठीक नही है। इस तरह यहाँ भी यह लागू है। 
  • इसके सेवन से शरीर को पुष्टि प्राप्त होती है जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। इसलिए नियंत्रित मात्रा में सेवन करना ही उचित है।
  • इसमें खनिज पर्याप्त मात्रा में है। कुछ विशेष बीमारियों में इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। जैसे कि गुर्दे की बीमारी में कुछ खान पान से परहेज़ करना होता है। अधिक जानकारी के लिए अपने निजी चिकित्सक से सलाह लें।

FAQ

Q.शकरकंद में कौन कौन से विटामिन पाए जाते हैं?

Ans :- एक सौ ग्राम सेवन करने से लगभग 85 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
पानी का अंश लगभग 75% प्रतिशत रहता है।
इसमें विटामिन ए, बी, सी, इ, एवं खनिज में मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटासियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, फ़ास्फ़रोस मौजूद है।
विटामिन ए, बी6, विटामिन सी एवं मैंगनीज पोटासियम सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है।

Q.क्या शकरकंद जड़ है?

Ans :- यह कंदमूल है जो खाद्य योग्य है। इसका वानस्पतिक नाम है ईपोमोएआ बातातास् (Ipomoea batatas) एवं यह हरिणपदी कुल (convolvulaceae) परिवार से जुड़ा है।

Q.शकरकंदी कितने प्रकार की होती है?

Ans :- पीली, श्वेत एवं लाल।

Q.प्रेगनेंसी में शकरकंद खा सकते हैं क्या?

Ans :- प्रेगनेंसी में शकरकंद का सेवन किया जा सकता है। गर्वबती महिलाओं को संतुलित मात्रा में विटामिन एवं खनिज की पुष्टि प्रदान करने में यह सब्ज़ी सक्षम है।
अधिक जानकारी के लिए अपने निजी चिकित्सक से अवश्य सलाह लें।

Q.शकरकंद किसका रूपांतरण है?

Ans :- यह कंदमूल है जो खाद्य योग्य है। इसका वानस्पतिक नाम है ईपोमोएआ बातातास् (Ipomoea batatas) एवं यह हरिणपदी कुल (convolvulaceae) परिवार से जुड़ा है।

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