
भाँपा सन्देश
यह व्यंजन भारत देश के पश्चिम बंगाल राज्य का एक प्रसिद्ध, न्यूनतम मीठे स्वाद वाला मिष्ठान्न है। यह व्यंजन की प्रधान सामग्री छेना है जिसे भाँप के ताप मे पकाकर यह मिष्ठान्न को तैयार किया जाता है। यह मिष्ठान्न बहुत ही मनमोहक, सुगंधित एवं पौष्टिक होता है। क्योंकि इसमें मिठास कम होती है इसलिए, यह मिष्ठान्न को सभी आयु वर्ग वाले व्यक्ति सेवन कर सकते हैं। मिठास के लिए यह व्यंजन में शक्कर के स्थान पर कोई अन्य विकल्प मीठा करने वाले द्रव्य (sugar free) का भी उपयोग होता है।
छेना के बारे में जानकारी के लिए ‘संदेश रेसिपी‘ को देखें।
ऐसे बनाएं यह व्यंजन को।
ताज़ा छेना को मसलकर मुलायम किया जाता है। उसके बाद छेना में शक्कर डालकर थोड़ा दूध मिलाकर पीसकर मुलायम मिश्रण तैयार किया जाता है। पीसा हुआ मुलायम मिश्रण को एक कटोरी में डालकर एक ढका हुआ गहरे बर्तन में रख कर भाँप में पकाया जाता है। मिश्रण पकने पर जम जाता है जिसे चौकोर आकार में काट दिया जाता है। यह मिष्ठान्न का गठन नरम सख्त होता है। इसका स्वाद हल्का मीठा होता है।
भाँपा संदेश और साधारण मिठाई में अंतर।
यह मिष्ठान्न को पानी की भाँप से तैयार किया जाता है। पानी की भाँप में तैयार होने से यह मिठाई में शक्कर की मात्रा पानी में घुल कर कम हो जाती है। इसलिए यह मिष्ठान्न का स्वाद थोड़ा फीका होता है। मीठा कम होने से यह मिठाई को सभी लोग सेवन कर सकते हैं।
अन्य मिठाइयों को तैयार करने के लिए शक्कर की चाशनी में उबाल कर तैयार किया जाता है अथवा घी या तेल में तलकर फिर शक्कर की चाशनी में डाला जाता है या मिठाई को फिर से चासनी में पकाया जाता है। इन मिठाइयों में शक्कर की मात्रा अधिक होती है।
बिल्कुल कठिन नही है यह मिष्ठान्न को तैयार करना।
यह व्यंजन को बनाना बिल्कुल आसान है। सारी सामग्री साधारण है जो सभी के घर में उपलब्ध रहती है। यहाँ दिए हुए रेसिपी का अनुसरण करें और यह मिष्ठान्न को बड़ी सरलता से बनाएं।
व्यंजन की विशेष ख़ासियत
यह व्यंजन कम मिठास वाला एक उत्कृष्ट सुगंधित मुलायम मिष्ठान्न है। यह बहु प्रचलित होने के साथ साथ लोकप्रिय भी है। यह मिष्ठान्न कोई भी अनुष्ठान, पूजा, पर्व, त्योहार के लिए श्रेष्ठ है। यह मिष्ठान्न स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी है। दूध के सारे पौष्टिक गुण इस मिष्ठान्न में मौजूद है। मिठाई अथवा मीठी खाद्य सामग्रियों से परहेज़ करने वाले व्यक्ति यह मिष्ठान्न का सेवन नियंत्रित मात्रा में बेझिझक कर सकते हैं।
यह व्यजन का और एक प्रचलित नाम।
यह व्यंजन का और एक प्रचलित नाम है ‘चित्तरंजन‘।
इस तरह से करें यह व्यंजन का समावेश।
यह व्यंजन को मुख्य भोजन में मिष्ठान्न के तौर पर समावेश किया जा सकता है।
‘डाइट फूड‘ में मिठाई के तौर पर यह मिठाई का चयन किया जा सकता है।
निम्न में दिए हुए विधि को अनुसरण करें और सरलता से बनाएँ यह व्यंजन ।
व्यंजन के वर्गीकरण
व्यंजन विधि शैली / Cuisine | पश्चिम बंगाल / पूर्व भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी |
व्यंजन प्रकार | मिष्ठान्न |
व्यंजन नाम | भाँपा संदेश |
आहार के प्रकार
शाकाहारी आहार | हाँ |
सात्विक आहार | हाँ |
जैन आहार | हाँ |
रंधनपाक समय
सामग्री तैयार करने का समय | 10 Mins |
पकाने का समय / कुकिंग टाइम | 20 Mins |
कुल समय | 30 Mins |
सर्विंग
अंश | 4 व्यक्ति के लिए |
भाँपा सन्देश रेसिपी के लिए सामग्री | Ingredients
व्यंजन तैयार करने के लिए सामग्री
सामग्री | मात्रा |
छेना | 200 gm |
(छेना के लिए संदेश रेसिपी देखें) | |
शक्कर (पिसी हुई) | 6 tablespoon / स्वदनुसार |
इलायची | 1 इलायची |
गुलाब सुगंध जल (छेना मिश्रण में मिलाने के लिए) | 4 बूंद |
गुलाब सुगंध जल (सॉस पैन की पानी में डालने के लिए) | 4 बूंद |
घी (1 टीस्पून छेना में मिलने के लिये और दूसरा टीस्पून कटोरी में लगाने के लिए) | 2 teaspoon |
व्यंजन की विधि चित्र सहित (प्रिपरेशन मेथड)
छेना को व्यंजन के लिए तैयार करने की विधि

- छेना को कुछ देर तक हाथ से मसल कर मुलायम करें। छेना मुलायम होने पर एक टैब्लस्पून घी डालकर अच्छी तरह मिला दें। यह करने से मिष्ठान्न में खुशबू का परिणाम बहुत अच्छा होगा।
- मसले हुए छेना को मिक्सी कटोरी में डालकर मुलायम कर पीस लें।
- अब शक्कर डाल दें।
- दूध डाल दें।

- एक इलायची डालें।
- अब दोबारा से छेना मिश्रण को मिक्सी में पीसकर मुलायम कर लें।
- गुलाब जल चार बून्द डालकर मिला दें।
- मिश्रण को कटोरी में रहने दें।
- अब एक गोल अथवा चौकोर गहरे एल्युमीनियम कटोरी में थोड़ा घी लगा दें।
- कटोरी में एक कागज डालकर ठीक से बिछा दें।

- कागज़ पर थोड़ा घी लगा दें।
- अब मिक्सी की कटोरी से मिश्रण को निकालर एल्युमीनियम कटोरी में डाल दें।
- मिश्रण डाली हुई कटोरी को पकड़ कर दो से तीन बार ऊपर से नीचे हल्के से पटक पटक कर बिठा दें। यह करने से मिश्रण में फंसी हवा के बुलबुले निकल जाएंगे और मिश्रण स्थिर हो कर समतल हो जायेगा।

- मध्यम आंच पर एक गहरे सॉस पैन में पानी डालकर आँच पर रखें एवं पूरी तरह से उबलने दें। पानी में चार बूंद गुलाब जल डाल दें।
- अब एक जाली स्टैंड सॉस पैन में रखें।
- मिश्रण भरी हुई कटोरी को स्टैंड में रखें।
- सॉस पैन पर ढक्कन लगा दें। (ढक्कन पर कोई छेद रहने से एक कागज़ की पुड़िया डालकर बंद करें, इससे भाँप निकल नहीं पायेगी। चित्र संख्या 13 को देखें)।
- मिश्रण को लगभग बीस मिनट तक भाँप में पकने दें। आंच को मध्यम रखें।
- अब बीस मिनट बाद आंच को कम करें। फ्राइंग पैन पर से धीरे से ढक्कन को हटाएं।
- एक टूथपिक पके हुए व्यंजन पर डालकर निकालें। टूथपिक सुखी निकलने पर समझना चाहिए कि व्यंजन पक चुका है।

- व्यंजन ठंडा होने पर एक समतल तश्तरी पर व्यंजन को पलट कर निकालें।
- चिपके हुए कागज़ को निकाल कर व्यंजन से अलग कर दें।
- व्यंजन को चौकोर आकार में काट लें।
- एक चम्मच के द्वारा व्यंजन के टुकड़ों को अलग अलग कर दें।

- यह व्यंजन अब मिष्ठान्न बनकर पूरी तरह से तैयार है।
- मिष्ठान्न के टुकड़ों को एक तश्तरी पर रखें।
व्यंजन का भंडारण करने की विधि
- मिष्ठान्न को हवा रहित डिब्बे में भरकर फ्रिज में रखें। यह व्यंजन कम से कम दो दिनों तक ताज़ा रहता है।
परोसने की विधि
- मिष्ठान्न को मुख्य भोजन, नाश्ता के साथ अथवा कोई भी पसंद अनुसार समय पर ठंडा अथवा भाँप में गर्म कर के परोसें।
टिप्स:
- गाय के दूध से सबसे उत्कृष्ट छेना प्राप्त होता है। मिठाई का अंतिम परिणाम बहुत मुलायम एवं नरम होता है।
- भैंस का दूध से जो छेना प्राप्त होता है वह थोड़ा दानेदार और थोड़ा नरम सख्त होता है।
- बाजार में उपलब्ध पैकेट दूध से छेना तैयार करने के लिए हमेशा फुल क्रीम दूध का उपयोग करें, परिणाम मुलायम होगा।
- यह व्यंजन को तैयार करते समय छेना में थोड़ा शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें। यह करने से मिष्ठान्न की खुशबू में वृद्धि होगी।
- व्यंजन में कृत्रिम गुलाब जल एसेंस का उपयोग करते समय खास ध्यान रखें। यह द्रव्य की खुसबू तीव्र एवं स्वाद कड़वा होता है।
- पारंपरिक तरीके से छेना को हाथ से मसलकर मुलायम किया जाता है एवं यह कार्य में थोड़ा वक्त लगता है। व्यंजन का परिणाम देखने में दानेदार होता है। अधिक मुलायम एवं चिकना परिणाम के लिए छेना को मिक्सी में पीस लें।
ऐसे करें छेना के पानी का उपयोग।
- छेना के पानी को एक अलग कांच के बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें जो कभी भी दूध को फाड़ने के लिए उपयुक्त है।
- पूरी, पराठा अथवा भटूरे के लिए आटा गूंथते समय छेना के पानी का उपयोग करने से परिणाम अच्छा होता है।
- पनीर की सब्ज़ी अथवा अन्य सब्ज़ी को पकाते वक्त यह पानी को उपयोग में लाएं। यह पानी में दूध के सारे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
FAQ
Q.आप संदेश को कैसे सुरक्षित रखते हैं?
Ans:- संदेश को हवा रहित डिब्बे में भरकर फ्रिज में रखने से लगभग चार से पांच दिन तक ठीक रहता है। परंतु यह मिष्ठान्न धीरे धीरे सख्त होने लगता है।
यह मिष्ठान्न को तैयार करते समय थोड़ा अधिक देर तक पकाकर नमी को बिल्कुल कम कर देने से भी कुछ दिन तक सेवन उपयुक्त सुरक्षित रखा जा सकता है।
Q.लोकप्रिय मिठाई संदेश भारत के किस राज्य से संबंधित है?
Ans:- पश्चिम बंगाल।
Q.बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई कौन सी है?
Ans:- बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई बहुत सारी हैं। उन सभी में सबसे अधिक प्रचलित एवं लोकप्रिय है रोसोगोल्ला, संदेश, भाँपा संदेश, छानार पायेश, चमचम, कालोजाम, लैंग्चा, छानार पोलाव, पान्तुआ इत्यादि।
Q.जलभरा संदेश क्या है?
Ans:- जलभरा संदेश एक मिठाई है जो संदेश का ही एक प्रकार है। यह मिठाई का मुख्य कच्ची सामग्री है छेना और खजूर का तरल गुड़। छेना को पकाकर सांचे में डालकर विभिन्न आकार दिए जाते हैं। आकार देते समय पके हुए छेना के अंदर केंद्र में तरल गुड़ (नलेन गुड़) का रस भर दिया जाता है। यह रस को जल कहा जाता है। इस तरह यह संदेश को जलभरा संदेश कहा जाता है।
Q.सन्देश कितने प्रकार के होते हैं?
Ans:- नरम पाक संदेश, कड़ा पाक संदेश, नलेन गुरेर संदेश, भाँपा संदेश (चित्तरंजन)।