इमली से जुड़ी कुछ बातें
ईमली का नाम लेते ही सबके मन में खट्टा मीठा स्वाद का अनुभव होने लगता है और मुँह में पानी आने लगता हैं। इमली ही एक ऐसा फल है जिसे पूरी दुनिया में सेवन किया जाता है। अनुसंधान से पता चला है कि प्राचीन युग से इमली का उपयोग होता चला आ रहा है। वर्तमान समय में भारत में इसकी उपज सबसे अधिक होती है।

आइए जानते हैं इमली से जुड़ी कुछ बातें,
- इमली को संस्कृत में अमलिका, दन्तशठा कहा जाता है। अंग्रेज़ी में इसे टामारिंड कहते हैं।
- इसका वानस्पतिक नाम टैमेरिन्डस इंडिका है।
- यह अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ईलैंड, फिजी, इंदिनेसिया,अमेरिका, ताइवान, फिलीपीन्स, चीन, अरब इत्यादि देशों में भी पाया जाता है।
- 100 gm इमली से 240 kcal प्राप्त होता है।
- इमली में कई तरह के पोषक तत्व के साथ थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम,पोटेशियम अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
- इसके सेवन से शरीर में बढ़ते रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
- इसके नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।
- पित्त के तकलीफ में इमली के सेवन से राहत मिलती है।
- हजम तंत्र और पाचन तंत्र को सहारा देने में सहायक है।
- इमली के सेवन से मधुमेह को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। निजी चिकित्सक की सलाह लें।
- इमली के सेवन से या इसका लेप बनाकर चेहरे पर या शरीर पर लगाने से त्वचा उज्ज्वल होती है।
- रसोई घरों में इमली को एक खास स्थान प्राप्त है। चटनी, अचार, तरकारी इत्यादि भोजन व्यंजन तैयार करते वक़्त इमली को उपयोग किया जाता है। भारत के दक्षिण प्रांत में भोजन तैयार करने के लिए इमली का उपयोग अनिवार्य है।
- गरमी के मौसम में इमली और गुड़ मिलाकर शरबत पीनी से लू की थपेड़ में राहत मिलती है।
- रसोईघर के बर्तन खास कर तांबा, कांसा, पीतल के बर्तनों को इमली से साफ़ करने से वे उज्ज्वल और चमकदार हो जाते है।
By Samaresh