आम पूरे विश्व में एक लोकप्रिय फल है। इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। उपलब्ध प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों से पता चलता है कि यह फल भारत की भूमि पर ख्रीस्त पूर्व २००० साल पहले से उगाया जा रहा है।
प्राचीन भारत में आये हुए पर्यटक और विदेशी शासकों के माध्यम से दुनिया के बाकी हिस्सों में पहुंच गया। पका हुआ आम जितना जनप्रिय है, उतना ही कच्चे आम को भी लोकप्रियता प्राप्त है। यह फल कच्चा हो या फिर पक्का, इसे दोनों ही अवस्था में सेवन किया जा सकता है। कच्चे आम से अचार, आम का पन्ना, चटनी इत्यादि तैयार किए जाते हैं।

आइए अब जानते हैं कैरी से जुड़ी हुई कुछ खास बातें,
- संस्कृत में इसे आम्र कहा जाता है। साधारणतः यह फल आम के नाम से प्रसिद्ध है।
- आम का वैज्ञानिक नाम मैग्नीफेरा इंडिका है
- यहाँ मैग्नीफेरा का अर्थ आम की प्रजाति है और भारत को इंडिका नाम से संबोधित किया गया है।
- एक 100 gm आम के सेवन से लगभग 40 kcal ऊर्जा प्राप्त होती है।
- आम में लगभग 80% पानी मौजूद है। शेष भाग में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, और फाइबर उपलब्ध है। फैट न के बराबर है।
- आम में सबसे अधिक विटामिन सी और फोलेट (B9) मौजूद है। खून को साफ रखने में सहायक है।
- कच्चे आम के सेवन से पाचन तंत्र की क्रिया में तेज़ी आति है। इस तरह पेट में जमा हुआ वसा को गलाने में मदद करता है। शरीर के वजन को कम करता है।
- यह फल के तत्व पाचन तंत्र को बढ़ावा देकर लिवर के स्वास्थ्य को दुरुस्त करने में सहायक है। विटामिन सी शरीर में रोग प्रतिरोधक पुष्टि प्रदान करता है।
- गर्मी के मौसम में इसके सेवन से शरीर में घटते हुए खनिज को पुनः पूर्ति कर देता है। इस तरह शरीर को तरोताज़ा रखने में सहायक है।
- यह फल के सेवन से विटामिन ए की पूर्ति होती है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी यह लाभकारी है।
- इसके सेवन से त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में चमक आते हैं।
- लू की गर्मी लग जाने पर कच्चे आम को उबालकर उसके गूदा को बदन पर लगाने से राहत मिलती है।(साधारण तापमान में लगाना है। गरम वस्तु शरीर में न डालें)।
- इसका सेवन करने से हजम तंत्र को मजबूती मिलती है। पेट को साफ रखने में सहायक है।
- इसके सेवन से पसीने की बदबू, गर्मी के मौसम में शरीर में होने वाली दुर्गंध इत्यादि से मुक्ति मिलती है।
by Samaresh