खीचूरी भोग रेसिपी स्वादिष्ट, पौष्टिक होने के साथ सात्विक व्यंजन भी है जो पूजा, व्रत अथवा नित्य दिन के भोजन के लिए सम्पूर्ण रूप से उपयुक्त है।
इसके मुख्य सामग्री है एक प्रकार के छोटे दाने वाले सुगंधित बासमती चावल जिसे गोविंदभोग कहा जाता है। पारंपरिक तौर पर यह व्यंजन को मूंग दाल, कई प्रकार की नरम संख्त सब्ज़ियाँ, आलू एवं घी सहित तैयार किया जाता है।
यहाँ चावल एवं दाल को उबाल कर पकाने से पहले गरम बर्तन में घी के संग थोड़ा सेंक लिया जाता है। सब्ज़ियों को अलग से तलकर सेंके हुए दाल एवं चावल को मसालों के संग मिला दिया जाता हैं एवं आवश्यकता अनुसार पानी के द्वारा उबाल कर पकाया जाता है। दाल एवं चावल पकते वक्त पानी को सोख लेता है जिससे यह व्यंजन का मूल गठन घना, चिपचिपा तथा गाढ़ा बनता है।
पारंपरिक तौर पर यह व्यंजन को तैयार करना बिल्कुल सरल है। यह रेसिपी को अनुसरण कर के बिल्कुल कम समय में यह व्यंजन को तैयार किया जा सकता है।
यह व्यंजन की विशेष ख़ासियत
यह व्यंजन पश्चिम बंगाल का एक पारंपरिक व्यंजन है जिसे त्योहार, व्रत, भोग प्रसाद अथवा रोज़ के सेवन के लिए तैयार किया जाता है। बंगाल की दुर्गापूजा, काली पूजा, लक्ष्मीपूजा, आदि में यह एक प्रचलित मुख्य व्यंजन है।
इस तरह करें यह व्यंजन का समावेश
यह व्यंजन को हर दिन के सेवन के लिए भी तैयार किया जा सकता है। दाल, चावल एवं सब्ज़ियाँ मिलकर यह एक संपूर्ण पौष्टिक आहार है।
यह व्यंजन को बनाने के लिए निम्न में दिए हुए विधि का अनुसरण करें।