
जानिए मोदक क्या है।
मोदक बनाने की विधि को अनुसरण करें और तैयार करें यह मिष्ठान्न व्यंजन।
यह मीठा व्यंजन को भारत के हर घर में तैयार किया जाता है। हिन्दू धर्म में, श्रीगणेश की पूजा में यह व्यंजन को खास तैयार किया जाता है। मान्यता है कि मोदक श्रीगणेश का प्रिय खाद्य है।
और भी कई प्रकार के विभिन्न लड्डू तैयार किये जाते हैं जो हर अनुष्ठान के लिए उपयुक्त है।
नारियल के लड्डू, सूजी के लड्डू इत्यादि।
यह व्यंजन को तैयार करने के लिए चावल का आटा को गरम पानी से गूंथकर, गुड़ एवं नारियल से बने पुर को आटे में भर कर फिर भांप में पकाया जाता है।
यहाँ इस रेसिपी के माध्यम से यह मिष्ठान्न को तैयार करने की बिल्कुल सरल विधि बताई जा रही है। रेसिपी को अनुसरण कर के घर में ही आसानी से यह व्यंजन को तैयार किया जा सकता है।
यह व्यंजन को घर पर कभी भी तैयार किया जा सकता है। इसमें नारियल, गुड़ एवं घी का मिश्रण होने से यह व्यंजन अत्यंत पौष्टिक एवं स्वादिष्ट लगता है। बच्चों को भी यह व्यंजन बहुत पसंद आता है।
निम्न में दिए हुए रेसिपी को अनुसरण करें:
व्यंजन के वर्गीकरण
व्यंजन विधि/ Cuisine: | महाराष्ट्र / भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी |
व्यंजन नाम/ व्यंजन | गुड़ नारियल मोदक / उकडीचे मोदक |
सात्विक आहार | हाँ |
जैन भोजन | नहीं |
रंधनपाक समय
सामग्री तैयार करने का समय | 10Mins |
पकाने का समय/ कुकिंग टाइम | 20 Mins |
कुल समय | 30 mins |
सर्विंग
अंश | 4 व्यक्तियों के लिए |
मोदक रेसिपी के लिए सामग्री | Ingredients
सामग्री | मात्रा |
नारियल (कसा हुआ) | 1 नारियल |
गुड़ (कसा हुआ) | 200 gm |
इलाइची पाउडर | 1 चुटकी |
चावल का आटा | 200 gm |
घी | 1 tablespoon |
आवरण के लिए सामग्री
चावल का आटा | 1 cup / 150 gm |
घी | 1 tablespoon |
पानी | आवश्यकता अनुसार |
सेंधा नमक / सादा नमक | एक चुटकी / स्वाद अनुसार |
गुड़ नारियल से भरवन तैयार करने की विधि:

- छिलका रहित नारियल को बारीक कर के केस लें।
- धीमी आंच पर कढ़ाई में एक टैब्लेस्पून घी डालकर हल्का गरम होने दें।
- कसा हुआ नारियल को कढ़ाई मे डालकर एक चम्मच से दो से तीन मिनट तक चलाते रहें।
- अब नारियल में गुड़ डाल दें।

- नारियल एवं गुड़ के मिश्रण को एक चम्मच से कुछ देर चलते रहें।
- गुड़ जब गल जाए और नारियल के साथ मिल जाय तब आंच को बंद करें। मिश्रण को ठंडा होने दें।
आवरण के लिए आटा तैयार करने की विधि
- अब मध्यम आंच पर फ्राइंग पैन को रखें। लगभग एक कप पानी डालकर गरम करें।
- कढ़ाई में एक टीस्पून घी डालकर गरम पानी में मिला दें।

- अब एक कप चावल के आटा को गरम पानी में डालें। करछुल से चलाकर आटा को पानी में मिला दें।
- दो चिमटी अथवा स्वादानुसार नमक डालकर मिला दें।
- चावल और पानी के मिश्रण को घना करें। आटा मिश्रण से पानी को पूरी तरह से सुखा देना है। अब आंच को बंद करें।

- आटा ठंडा होने पर गूंथकर समान वजन का लोई काट लें।
- हाथ में थोड़ा घी लगाएं। अब एक लोई को लेकर हथेली से दबाव देकर गोलाकार में फैला दें।( चित्र 15/16 को देखें)

- अब थोड़ा गुड़ नारियल का मिश्रण लेकर गोलाकार आटा पर रखें।
- हर तरफ से किनारों को मोड़कर केंद्र में लाकर थोड़ा लंबा गोल मोदक जैसा आकार दें।
- अब एक टीस्पून लें।

- टीस्पून की डंडी के चपटे किनारे से व्यंजन के आवरण पर लंबे लंबे गहरा निशान बना दें। चित्र को देखें।
- इस तरह सभी तैयार कर लें। अलग तश्तरी पर रखें।
व्यंजन पकाने की प्रक्रिया
- ईडली कुकर में आवश्यक्ता अनुसार या एक कप पानी डालें।
- एक निम्बू का छिलका पानी में डाल दें।( यह क्रिया वैकल्पिक है)।
- कुकर को मध्यम आंच पर गरम होने रखें।

- कुकर की पानी गरम होने पर एक हरा केला पत्ते का टुकड़ा कुकर के जालीदार तश्तरी पर रखें।
- पत्ते पे घी लगा दें। व्यंजन पर घी लगा दें।
- कच्चे व्यंजन को कुकर में केले के पत्ते पर रखें।
- अब कुकर के ढक्कन को लगा दें। दस से बारह मिनट तक माध्यम आंच पर व्यंजन को पकने दें।
- कुकर का ढक्कन खोलकर व्यंजन को परख लें। व्यंजन पक जाने पर आंच को बंद करें।
- व्यंजन तैयार है।
परोसने की विधि
- गर्म गर्म यह व्यंजन श्रो गणपती को निवेदन करें।
- अनुष्ठान या नाश्ते के लिए यह व्यंजन को मिठाई की तरह परोसें।
टिप्स:
नारियल के पतले परतवाली भूरा छिलके को हमेशा निकाल कर ही नारियल का उपयोग करें। भूरा छिलका एसिडिटी और पेट में दर्द का कारण बन सकता है।
FAQ
1.मोदक किससे बने होते हैं?
Ans- पारंपरिक तरीके से मोदक को भांप में पकाया जाता है। यह व्यंजन का मुख्य सामग्री चावल का आटा, कसा हुआ नारियल और गुड़ का भरवन का उपयोग होता है। घी एवं इलाइची का भी उपयोग किया जाता है। गुड़ एवं नारियल से तैयार होने वाली मोदक को मराठी में उकादिचे मोदक के रूप में भी जाना जाता है।
2.मोदक का स्वाद कैसा होता है?
Ans- चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बनी मीठी मिष्ठान्न व्यंजन।
3.क्या मोदक स्वस्थ हैं?
Ans- चूंकि उकड़ीचे मोदक में गुड़ होता है, यह पाचन को आसान बनाने और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है। गुड़ एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर लीवर, श्वसन पथ, आंत और पेट को साफ करने में मदद करता है।
4.हम मोदक क्यों खाते हैं?
Ans- यह आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। यह आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह आपके शरीर में मानसून संबंधी बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद करता है। हम गुड़ को मोदक में डालते हैं जो सर्दी और फ्लू से लड़ता है और यह आपके लीवर को डिटॉक्स करता है और आपके पाचन एंजाइम को सक्रिय करता है।
5.मोदक महाराष्ट्र में क्यों प्रसिद्ध है?
Ans-यह पारंपरिक भारतीय व्यंजन हिंदू देवता गणेश की पसंदीदा मिठाई होने के लिए सबसे प्रसिद्ध है, और इसे हमेशा गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान एक धार्मिक प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है।
6.मोदक की उत्पत्ति कहाँ हुई है?
Ans- भारत देश में।
7.क्या मोदक और मोमोज एक ही है?
Ans- मोदक और मोमोज एक दूसरे से बिल्कुल अलग है।
मोदक मिष्ठान्न है जिसकी प्रधान सामग्री चावल का आटा, गुड़, नारियल है। यह व्यंजन का स्वाद मीठी होती है।
मोमोज नमकीन अल्पाहार है जिसकी आवरण मैदे का होता है एवं भरवन में पत्तागोभी, लहसुन,अदरक आदि सब्ज़ियों का उपयोग होती है।
यह दोनों व्यंजनों को भांप में पकाई जाती है।
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