पूरन पोली रेसिपी को देख कर तैयार करें यह स्वादिष्ट महाराष्ट्रीय व्यंजन | Puran Poli Recipe in Hindi

पूरन पोली रेसिपी

पूरन पोली रेसिपी को देख कर तैयार करें यह स्वादिष्ट महाराष्ट्रीय व्यंजन। महाराष्ट्र के नव वर्ष गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर में यह व्यंजन को खास कर तैयार किया जाता है। मुख्य सामग्री है गेंहू का आटा, चना दाल, गन्ने का गुड़, पिसी हुई इलाइची, कसा हुआ जायफल और शुद्ध देसी घी। स्वादिष्ट होने के साथ यह व्यंजन पौष्टिक गुणों से सम्पन्न है तथा सम्पूर्ण आहार भी है।

यह व्यंजन को तैयार करने में अधिक वक्त नहीं लगता है। यह व्यंजन को रख कर २ दिन तक सेवन किया जा सकता है।

इस रेसिपी में यह व्यंजन को तैयार करने लिए बिल्कुल सरल विधि बताई गई है। निम्न में दिए हुए विधि का अनुसरण करें।

व्यंजन शैली /Cuisineमहाराष्ट्रीय / पश्चिम भारतीय 
भोजन चुनावशाकाहारी
व्यंजन नाम  पूरन पोली
सात्विक आहारहाँ
जैन व्यंजनहाँ
चना दाल भिगोने का कुल समय2 Hrs (एक रात भर भिगोंकर रखा जा सकता है)
सामग्री तैयारी करने का समय10 Mins
पकाने का समय/ कुकिंग टाइम: 30 Mins
कुल समय 40 Mins
अंश भाग / पोरशन4 व्यक्ति के लिए

पूरन पोली रेसिपी के लिए सामग्री

आटा   600 gm 
सनफ्लॉवर तेल3 teaspoon
नमक स्वाद अनुसार
पानीआवश्यकता अनुसार
भरवां के लिए
चना दाल (पानी में २ घंटे भिगो कर रखें)100 gm
गुड़ 160 gm / स्वादानुसार
छोटी इलाइची पाउडर¼ teaspoon
जायफल (कसा हुआ)दो चुटकी

तलने के लिए:
घी / सनफ्लॉवर तेल 8 teaspoon / आव्यशकता अनुसार

विधि (प्रिपरेशन मेथड)

Puran Poli Recipe Step 1
  • आटा में नमक और 2 टीस्पून तेल डालकर अच्छी तरह मिला दें।
Puran Poli Recipe Step 2
  • पानी से आटा को गूंथ लें। 1 टीस्पून  तेल लगा दे।
  • कुछ देर तक आटा को ढक कर रख दें। फिर समान मात्रा में 8 लोई बना लें।
Puran Poli Recipe Step 3
  • पैन में एक तेजपत्ता और 2 कप पानी डालकर गर्म करें। चना दाल को गर्म पानी में डाल दें।
  • पैन पर ढक्कन रखें। पूर्ण आँच पर चना दाल को 10 मिनट तक उबालें।
  • चना दाल को उंगली से दबाकर परख लें। 
  • चना दाल पकने पर तेजपत्ता को निकाल कर अलग कर दें।
Puran Poli Recipe Step 4
  • दाल में गुड़, इलाइची पाउडर, कसा हुआ जायफल डालें।
  • करछुल से चलाकर दाल और गुड़ मिश्रण मसालों को मिला दें। पानी को बिल्कुल सूखने दें।
  • मिश्रण चिपचिपा गाढ़ा होने पर आँच को बंद कर दें।
  • दाल मिश्रण को अलग बर्तन में निकाल लें।
Puran Poli Recipe Step 5
  • आटे की लोई को बेलकर गोल पूरी बना लें। पूरी के केंद्र में दाल-गुड़ के भरवां को रखें।
  • पूरी के किनारों को मोड़कर केंद्र में लाएं और चिपका दें। गेंद के आकार में लोई करें।
Puran Poli Recipe Step 6
  • भरवां भरी हुई लोई को चकले पर रखें।
  • लोई पर ऊपर से थोड़ा आटा छिड़कें।
  • लोई को उंगलियों से धीरे-धीरे दबाकर चपटा कर  दें। 
Puran Poli Recipe Step 7
  • बेलन से लोई को गोल रोटी आकार में बेल लें। 
  • मध्यम आँच पर तवा गर्म करें। कच्ची पूरन पोली को तवे पर दोनों किनारों से सेंक लें।
  • अब तवे पर १ टीस्पून घी डालकर  सुनहरा-भूरा होने तक तलें।
Puran Poli Recipe Step 8
  • दोनों किनारों को पलट कर तलें।
  • पूरन पोली के परत पर भूरा छाला आने पर समझना चाहिए कि यह पक गई है।
  • अब तवे से निकालकर टिश्यू पेपर पर रखें। अतिरिक्त तेल निकल जाने दें।
  • इस तरह सारे  पूरन पोली को तैयार करें।
  • यह व्यंजन तैयार है। आँच को बंद करें।
  • गरमा गर्म आमटी के साथ परोसें। यह व्यंजन मनपसंद सब्ज़ी,दही इत्यादि के संग भी परोसा जा सकता है।

टिप्स:

  • 100 gm चना दाल भीगने पर 200 gm हो जाती है।
  • यह व्यंजन गेंहू का आटा से तैयार किया जाता है। पसंद अनुसार मैदा भी उपयोग किया जा सकता है।
  • यह व्यंजन के लिए आटा ज़रा नरम-सख्त गूंथना है।
  • गूंथे हुए आटे को 10 से 15 मिनट तक फूलने देने से पराठा मुलायम बनता है। 
  • दाल से पानी को पूर्णता से छान दें। भरवां में पानी होने से पराठा बेलने में दिक्कत हो सकती है। (उबली हुई दाल के पानी को आमटी व्यंजन तैयार करते समय उपयोग करें)।
  • पराठा बेलते समय चकले पे छिड़कने के लिए आटा या मैदा का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में करें। अधिक आटा या मैदा लगाने से पराठा का रंग काला पड़ सकता है, इस बात का ध्यान रखें।
  • यह व्यंजन को घी में पकाने पर स्वाद में वृद्धि होती है।
  • पराठा दो तरीके से तला जा सकता है।

पहला तरीका- कच्चे पराठे को पहले गर्म  तवे पर सेंकना है। अब तेल में तलें। इस पद्धति में पराठा तलने के लिए तेल की उपयोग मात्रा कम होगी। यह स्वास्थ्य के लिए हितकारी है।

पराठा थोड़ा नरम रहता है।

दूसरा तरीका- कच्चा पराठा को सेंकना नहीं है। गर्म तवे पर घी या तेल डालकर तुरंत पराठा को तलना होता है। 

इस पद्धति से घी / तेल की उपयोग मात्रा अधिक होती है। 

पराठा अधिक मात्रा में ख़स्ता, लच्छेदार और खाने में स्वादिस्ट होगा।

तेल से परहेज़ करनेवालों को यह पद्धति का उपयोग कम करने की सलाह दी जाती है।

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