सहजन भारतिय भूखंड में पाए जाने वाला पेड़ है। अंगेज़ी में यह पेड़ मोरिंगा ओलिफेरा या ड्रम स्टिक ट्री के नाम से जाना जाता है। भारत में तमिल राज्य में सहजन को मोरिंगई के नाम से जाना जाता है। यह हो सकता है कि अंग्रेज़ी शब्द मोरिंगा तमिल शब्द मोरिंगई से लिया गया है। पूरे विश्व में इसकी फलन भारत में सबसे अधिक होती है।

सहजन के पत्ते, फूल, फली, बीज, जड़ खाद्य के लिए उपयुक्त है। सहजन के पत्ते के सब्जी भी बहुत स्वादिस्ट होती है।
सहजन के पत्तों के सेवन से हमारे शरीर को अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं।
आइए जानते हैं सहजन के पत्ते से जुड़ी हुई कुछ खास बातें;
- 100 gm सहजन पत्तों के सेवन से हमारे शरीर को लगभग 60 kcal ऊर्जा प्राप्त हो सकती है। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
- इसके सेवन से हमारे शरीर को विटामिन सी, विटामिन बी6, राइबोफ्लेविन (बी2) इत्यादि अधिक प्राप्त हो सकती है।
- खनिज पदार्थों में मैग्नीशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
- पत्तों में लगभग 78% पानी मौजूद रहता है।
- साजन पत्तों को सुखाकर भी रखा जा सकता है। आवश्यकता अनुसार सूप या सब्जी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- शरीर में कुपोषण या पोषण की कमी होने पर पत्तों का सेवन करने से तुरंत आरोग्य प्राप्त होता है।
- इसके सेवन से चेचक जैसी बीमारी से बचने के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है।
- शिशु एवं शिशु के माताओं को पोषण देने में सहायक है।
- शरीर में आयरन और रक्त के वृद्धि के लिए यह पत्ते का सेवन करना लाभदायक है।
- सहजन पत्तों में सड़न प्रतिरोध क्षमता (एंटीसेप्टिक) मौजूद है। जले या कटे पर लगाने से घाव को सुखाने में सहायक है।
- सहजन पत्तों को पीसकर कर त्वचा में लेप लगाने से त्वचा को उज्जवलता प्रदान करने में सहायक है।