
संदेश
यह व्यंजन भारत देश के पश्चिम बंगाल राज्य की एक प्रसिद्ध मिठाई है। यह व्यंजन की मुख्य सामग्री छेना है।
छेना
छेना दूध का एक द्विउत्पाद पदार्थ है। दूध में प्राकृतिक रूप से प्रोटीन तत्व केसीनोजन मौजूद है। यह केसीनोजन (caseinogen) अम्ल के संस्पर्श में आने पर जैविक रासायनिक विक्रिया का गठन होने लगता है एवं प्रोटीन तत्व जमकर तुरंत दूध से अलग हो जाता है। यह जमा हुआ पदार्थ ही छेना या पनीर है।
ऐसे बनाया जाता है यह व्यंजन।
ताज़ा छेना में चीनी, पिसी हुई इलाइची मिलाकर धीमी आंच पर हल्का भूरा होने तक पकाया जाता है। यह व्यंजन का गठन नरम सख्त, गाढ़ा एवं मुलायम होता है जिसे कई प्रकार के विभिन्न आकार दिए जाते हैं।
यह व्यंजन को बनाना बिल्कुल आसान है। सारी सामग्री साधारण है जो सभी के घर में उपलब्ध रहती है। यहाँ दिए हुए रेसिपी का अनुसरण करें।
व्यंजन की ख़ासियत
यह व्यंजन एक उत्कृष्ट मिष्ठान्न है। यह बहु प्रचलित होने के साथ साथ लोकप्रिय भी है। यह मिष्ठान्न कोई भी अनुष्ठान, पूजा, पर्व, त्योहार के लिए श्रेष्ठ है।
यह व्यंजन को डिब्बे में भरकर फ्रिज में रखने से अन्य मिठाइयों के अनुपात में कुछ दिनों तक ताज़ा रहता है।
यह व्यंजन को भोजन सूची में किस तरह समावेश किया जाय?
मुख्य भोजन में मिष्ठान्न के तौर पर समावेश किया जा सकता है।
निम्न में दिए हुए विधि को अनुसरण करें और सरलता से बनाएँ यह व्यंजन ।
व्यंजन के वर्गीकरण
व्यंजन विधि शैली / Cuisine | पश्चिम बंगाल / पूर्व भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी |
व्यंजन प्रकार | मिष्ठान्न |
व्यंजन नाम | सन्देश |
आहार के प्रकार
शाकाहारी आहार | हाँ |
सात्विक आहार | हाँ |
जैन आहार | हाँ |
रंधनपाक समय
सामग्री तैयार करने का समय: | 30 Mins |
पकाने का समय / कुकिंग टाइम | 30 Mins |
कुल समय | 60 Mins |
सर्विंग
अंश | 4 व्यक्ति के लिए |
संदेश रेसिपी के लिए सामग्री | Ingredients
छेना तैयार करने के लिए सामग्री
दूध (मलाई वाला) | 1 लीटर |
निम्बू का रस | 1 निम्बू |
संदेश तैयार करने के लिए सामग्री
छेना | 300 gm |
शक्कर | 10 tablespoon |
इलायची (पिसी हुई) | 2 चुटकी |
गुलाब जल | 4 बूंद |
घी | 2 tablespoon |
व्यंजन की विधि चित्र सहित (प्रिपरेशन मेथड)
दूध को फाड़कर छेना बनाने की विधि

- मध्यम आंच पर एक गहरे बर्तन में दूध डालकर आँच पर रखें एवं पूरी तरह से उबलने दें।
- दूध उबल जाने पर आंच को बंद करें। निम्बू का रस डाल दें। एक चम्मच से दूध को चला दें और निम्बू के रस को अच्छे से घुल जाने दें।
- अब दूध फटकर छेना जमने लगेगा।
छेना को छानने की विधि
- अलग से एक गहरा बर्तन लें और उस पर एक बड़ी छलनी रखें।
- छेना के बर्तन को सावधानी से उठाएं एवं सावधानी से धीरे धीरे छलनी पर उड़ेल दें।
- दो कप साधरण पानी छेना पर डाल दें। इससे निम्बू की महक कम हो जायेगी।
- छेना से पानी को अलग होकर जाली से पूरी तरह से निकल जाने दें।
छेना से अतिरिक्त पानी निकालने की विधि

- अब एक पतला कपड़ा में छेना को रखें।
- कपड़े के किनारों को केंद्र में लाकर पूरी तरह से कसकर पोटली की तरह से बांध दें।
- एक भारी वस्तु को पोटली पर कुछ देर के लिए रख दें (यहाँ पत्थर के चकले का उपयोग हुआ है- चित्र संख्या 7 को देखें)।
- छेना से पूरी तरह से पानी निकल जाने पर पोटली को खोलें ।
- पानी पूरी तरह से अलग हो गया है। अब छेना, हर प्रकार की मिठाई तैयार करने के लिए तैयार है।
छेना को व्यंजन के लिए तैयार करने की विधि

- छेना को कुछ देर तक हाथ से मसल कर मुलायम करें। छेना मुलायम होने पर एक टैब्लस्पून घी डालकर अच्छी तरह मिला दें। यह करने से खुशबू का परिणाम बहुत अच्छा होगा।
- धीमी आंच पर फ्राइंग रखें। थोड़ा सा घी डालकर फ्राइंग पैन में अच्छी तरह से फैलाकर, हर तरफ से लगाकर चिकना कर दें।
- अब छेना को फ्राइंग पैन में डालकर तीन से चार मिनट तक करछुल से चलाते रहें।
- अब पिसी हुई शक्कर डाल दें।
- हल्का पीला भूरा एवं चिपचिपा होने तक छेना को करछुल से निरन्तर चलाते रहें।

- अब दो चुटकी पिसी हुई इलायची डालकर मिला दें।
- छेना में शक्कर अच्छी तरह घुल जाने पर हल्का पीला भूरा चिपचिपा मिश्रण तैयार हो जायेगा।
- यह मिश्रण को लड्डू का अथवा सांचे में डालकर आकार देना है। इसलिए मिश्रण को थोड़ा गिला और नरम रखें। मिश्रण ठंडा होने पर जमकर अपने आप सख्त होने लगता है।
- सुगंधित गुलाब जल के चार बून्द डालें और मिला दें।
- मिश्रण के स्वाद को परखें। आवश्यकता अनुसार मिठास की मात्रा को संतुलित करें।
- आंच को बंद करें।
- मिश्रण को ठंडा होने दें।
- अब मिश्रण से व्यंजन बनाने के लिए यह पूरी तरह से तैयार है।
- हथेली पर घी का लेप लगा लें।

- मिश्रण से निम्बू जितना छोटी छोटी लोई बना लें।
- लोइयों को हथेली में रख कर गोल घूम घूमा कर गोल लड्डू तैयार करें।
- कुछ लोइयों को पसंद अनुसार सांचे में ढालकर आकर दें।
- अब यह व्यंजन पूरी तरह से तैयार है।
व्यंजन का भंडारण करने की विधि
- व्यंजन को हवा रहित डिब्बे में भरकर फ्रिज में रखें। यह व्यंजन कई दिनों तक ताज़ा रहता है।
परोसने की विधि
- व्यंजन को मुख्य भोजन, नाश्ता अथवा कोई भी पसंद अनुसार समय पर परोसें।
टिप्स:
- गाय के दूध से सबसे उत्कृष्ट छेना प्राप्त होता है। मिठाई का अंतिम परिणाम बहुत मुलायम एवं नरम होता है।
- भैंस का दूध से जो छेना प्राप्त होता है वह थोड़ा दानेदार और थोड़ा नरम सख्त होता है।
- बाजार में उपलब्ध पैकेट दूध से छेना तैयार करने के लिए हमेशा फुल क्रीम दूध का उपयोग करें, परिणाम मुलायम होगा।
- यह व्यंजन को तैयार करते समय थोड़ा शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें। यह करने से खुशबू में वृद्धि होगी।
- व्यंजन में कृत्रिम गुलाब जल एसेंस का उपयोग करते समय खास ध्यान रखें। यह द्रव्य की खुसबू तीव्र एवं स्वाद कड़वा होता है।
- पारंपरिक तरीके से छेना को हाथ से मसलकर मुलायम किया जाता है एवं यह कार्य में थोड़ा वक्त लगता है। व्यंजन का परिणाम देखने में दानेदार होता है।
समय की बचत के लिए अन्य उपाय यह है कि मिक्सी जार में छेना को पीस लिया जाय। यह विधि में व्यंजन का अंतिम परिणाम चिकना होगा।
ऐसे करें छेना के पानी का उपयोग।
- छेना के पानी को एक अलग कांच के बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें जो कभी भी दूध को फाड़ने के लिए उपयुक्त है।
FAQ
Q.छेना का क्या अर्थ है?
Ans:- छेना दूध का एक द्विउत्पाद पदार्थ है। दूध में प्राकृतिक रूप से प्रोटीन तत्व केसीनोजेन (caseinogen) मौजूद है। यह कसीनोजन अम्ल के संस्पर्श में आने पर जैविक रासायनिक विक्रिया का गठन होने लगता है एवं प्रोटीन तत्व जमकर तुरंत दूध से अलग हो जाता है। यह जमा हुआ पदार्थ ही छेना या पनीर कहलाता है।
Q.छेना खाने के क्या क्या फायदे हैं?
Ans :- छेना दूध से प्राप्त किया गया शुद्ध प्रोटीन तत्व है। इस तरह छेना में प्रोटीन के सारे पौष्टिक गुण मौजूद है। खनिज एवं विटामिन भी मौजूद है। शाकाहारी व्यक्तियों के लिए यह पदार्थ प्रोटीन का मुख्य स्रोत है।
Q.1 kg दूध में कितना छेना मिलता है?
Ans:- 1 kg दूध को फाड़ने से लगभग 200 gm तक छेना प्राप्त होता है। दूध का मान अच्छा होने पर छेना थोड़ा अधिक भी प्राप्त हो सकता है।
Q.संदेश का आविष्कार किसने किया?
Ans :- संदेश का आविष्कार किसने किया यह तय कर पाना कठिन है। परंतु यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यह मिष्ठान्न का जन्म प्राचीन समय में संयुक्त बंगाल प्रदेश में ही हुआ। परंतु कुछ तथ्यों से पता चलता है कि रसोगोल्ला मिठाई का जन्म १९ वी शताब्दी में बंगाल प्रदेश के कोलकाता में हुआ जिसका अविष्कार कर्ता श्री नोवीन चंद्र दास थें।
Q.क्या गुलाब जामुन बंगाली मिठाई है?
Ans :- प्रधानतः रस में डुबोकर तैयार की जाने वाली मिठाइयाँ बंगाली मिठाई है। कुछ प्रदेश एवं अंचलों में पाक विधि विशेष को बदलकर एवं विभिन्न सामग्रियों को जोड़कर अलग अलग नाम दिया गया है।
उदाहरणतः छेना के बदले में खोया, मैदा इत्यादि का मिश्रण उपयोग करके अलग कर दिया गया है।
Q.संदेश के लिए कौन सी जगह प्रसिद्ध है?
Ans :- कोलकाता, पश्चिम बंगला।
Q.लोकप्रिय मिठाई संदेश के लिए कौन सा राज्य प्रसिद्ध है?
Ans :- संदेश मिठाई के लिए भारत देश का पश्चिम बंगाल राज्य प्रसिद्ध है।
Q.पश्चिम बंगाल में कौन सी मिठाई प्रसिद्ध है?
Ans :- पश्चिम बंगाल में रोसोगोल्ला, संदेश, छानार पायेश, भाँपा संदेश, खीर कदम, छानार पुलाव, राजभोग प्रसिद्ध है।