सूरन का चोखा बनाने का बहुत ही आसान तरीका | Suran Chokha recipe in Hindi

सूरन चोखा

खाद्य व्यंजन

सूरन चोखा रेसिपी : यह शाकाहारी व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट एवं पौष्टिक है। 

यह व्यंजन की मुख्य सामग्री कच्चा सुरन है जिसे जमीकंद या जिमीकंद अथवा ओल के नाम से भी जाना जाता है। सूरन का चोखा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। यह कन्द सब्ज़ी भारत के सभी क्षेत्रों में लोकप्रिय है जिसे अलग अलग अंचलों में विभिन्न तरह से पकाया जाता है। यह व्यंजन पूर्णतः सात्विक है एवं एक उपादेय खाद्य है। यह रेसिपी भारत के पूर्वीय प्रान्त पाक शैली को दर्शाती है।

यह व्यंजन को कोई भी तैयार कर सकता है। जो पहली बार भोजन पका रहे हैं वे इस व्यंजन को पकाने से शुरुआत करें जिसे मात्र उबालकर अथवा भाँप में पकाया जाता है। 

ऐसे बनाएं यह व्यंजन

  • कन्द सब्ज़ी को धो कर उसके छिलके को पूरी तरह से निकाल कर अलग कर के काटकर टुकड़े कर दें।
  • एक गहरे बर्तन में अथवा प्रेशर कुकर में पानी डालकर गरम करें। 
  • गरम पानी में कन्द सब्ज़ी के टुकड़ों को उबालकर या भाँप में पका लें।
  • पक जाने पर सब्ज़ी की हाथ से मसल दें।
  • सब्ज़ी में कासूंदी, हरी मिर्च, सरसों तेल, निम्बू का रस, स्वादानुसार नमक डालकर हाथ से मसलकर अच्छी तरह से मिला दें। कटा हुआ धनिया पत्ता मिला दें।
  • व्यंजन सेवन के लिए तैयार है।

बिल्कुल कठिन नही है यह व्यंजन को तैयार करना।

पारंपरिक तौर पर यह व्यंजन को तैयार करना बिल्कुल सरल है। यह रेसिपी को अनुसरण कर के बिल्कुल कम समय में यह व्यंजन को तैयार किया जा सकता है।

यह व्यंजन की विशेष ख़ासियत

यह व्यंजन को तैयार करने के लिए कम सामग्रियों की आवश्यकता होती है। यह व्यंजन पौष्टिक है तथा नियंत्रित मात्रा में तेल का उपयोग होने से अधिक लाभदायक है। यह व्यंजन के प्रचलित नाम है सुरन चोखा, ओल भाते, जिमीकंद का भरता।

सुरन एक पवित्र कन्द सब्ज़ी

दीपावली के समय यह सब्ज़ी को खास तौर पर सेवन की जाती है। मान्यता है कि भूमि के नीचे उगनेवाली यह सब्ज़ी में धन समृद्धि की देवी श्रीलक्ष्मी का वास है। इसलिए यह सब्ज़ी को पूरे परिवार के संग सेवन किया जाता है।

सुरन से लाभ के बारे में जानने के लिए यहाँ पढ़े।

इस तरह करें यह व्यंजन का समावेश

रोज़ के नित्य मुख्य भोजन में यह व्यंजन का समावेश करना लाभ दायक सिद्ध होगा। यह व्यंजन चावल, रोटी, पराठा अथवा पूरी के संग सेवन किया जा सकता है।

निम्न में दिए हुए विधि का अनुसरण करें और सरलता से बनाएं यह व्यंजन को

व्यंजन के वर्गीकरण

व्यंजन शैली / Cuisineपूर्व भारतीय
भोजन चुनावशाकाहारी / मुख्य भोजन
व्यंजन नामसुरन चोखा

आहार के प्रकार

सात्विक आहारहाँ

रंधन पाक समय

सामग्री तैयारी करने का समय 5 Mins
पकाने का समय/ कुकिंग टाइम 15 Mins
कुल समय   20 Mins

सर्विंग

अंश / पोर्शन  4 लोगों के लिए

सूरन चोखा रेसिपी व्यंजन के लिए सामग्री | Ingredients

सामग्री मात्रा
सुरन के टुकड़े (छिलका अलग किए हुए)400 gm
धनिया पत्ता (बारीक काटा हुआ)2 tablespoon
हरी मिर्च (बारीक कटी हुई) (वैकल्पिक)1 मिर्च
कासूंदी 1 tablespoon
निम्बू का रस 1 tablespoon
सेंधा नमक / साधरण नमकस्वादानुसार
सरसों तेल1 teaspoon
पानी (सब्ज़ी को उबालने के लिए)आवश्यकता अनुसार

व्यंजन की विधि चित्र सहित (प्रिपरेशन मेथड) 

Suran chokha recipe step 1
  • प्रेशर कुकर में या एक गहरे बर्तन में पानी रखें। एक चुटकी नमक मिलाएं।
  • आँच में प्रेशर कुकर को रखें। पूर्ण आँच में पानी को उबालें।
  • सब्ज़ी को धो कर गरम पानी में धीरे से डाल दें। कुकर का ढक्कन विस्सल सहित बंद करें। 
  • कुकर में एक विस्सल आने के बाद आँच बंद करें। 5 मिनट तक भाँप में पकने दें।
  • कुकर से भाँप निकाल दें एवं ढक्कन को खोल दें। एक कांटा चम्मच को सब्जी में चुभोकर पकने की स्थिति परख लें।
  • सब्ज़ी को निकाल कर एक अलग तश्तरी पर रखें एवं ठंडा होने दें।
  • पकी हुई सब्ज़ी को हाथ से मसल दें।
  • कासूंदी, हरी मिर्च डालें।
Suran chokha recipe step 2
  • स्वादानुसार नमक डाल कर मिला दें।
  • धीमी आंच पर डाबु में एक चम्मच घी गर्म करें। साबुत जीरा को घी में चटकने दें। एक चुटकी हींग डाल दें। आँच बंद करें।
  • मसली हुई सब्ज़ी पर तड़का डाल दें।
  • काटी हुई हरी मिर्च, स्वादानुसार सेंधा नमक डालकर मिला दें।
  • निम्बू का रस, सरसों तेल, स्वादानुसार नमक डालें।
  • व्यंजन को अच्छी तरह से मिला दें।
Suran chokha recipe step 3

परोसने की विधि

टिप्स:

  • बाजार में यह कन्द सब्ज़ी को लेते समय बिल्कुल साफ़ की हुई कन्द सब्जी का चयन करें। मिट्टी इत्यादि लगी हुई सब्ज़ी लेने से बचें।
  • यह सब्ज़ी की कुछ प्रजाति का सेवन करने से खुजलाहट जैसा अनुभव होता है। इसे रोकने के लिए अम्ल फल जैसे निम्बू, इमली का प्रयोग किया जाता है। सब्ज़ी को उबालते वक्त पानी में एक निम्बू का टुकड़ा डाल दें। पके हुए  सुरन को मसलते समय निम्बू के रस का उपयोग करें। 
  • सुरन काटने से पहले हाथ में तेल लगा लें। हाथों में खुजलाहट का अनुभव होने पर प्रभावित स्थान पर निम्बू अथवा इमली का रस लगाने से परेशानी बंद हो जायेगी। 
  • बाजार में एक बम्बइया प्रजाति का सुरन उपलब्ध है जिसमे खुजलाहट जैसी तकलीफ नहीं होती है। 
  • सात्विक भोजन हेतु प्याज़ का उपयोग न करें।
  • पसंद अनुसार विभिन्न सब्ज़ियों को इस व्यंजन में शामिल किया जा सकता है।
  • यह सब्ज़ी में मौजूद खनिज एवं पोषक तत्व शरीर के लिए लाभकारी है। इसके सेवन से पेट से जुड़े कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकताहै।

FAQ

Q. भारत में याम को क्या कहा जाता है?

Ans:-  भारत में इसे सुरन, जिमीकंद, ओल कहा जाता है। भारत में यह कंद सब्ज़ी का एक पवित्र दर्जा है। दीपावली के समय पर इसकी सब्जी बनाकर खास तौर पर सेवन किया जाता है।

Q. सब्जी एलफंट फुट याम क्या है?

Ans:- सुरन का अग्रेज़ी नाम एलफंट फुट याम है। यह कन्द सब्ज़ी का मूल रूप हाथी के पैर जैसा बड़ा, मोटा और फैला हुआ होता है।
यह भूमि के नीचे उगनेवाली  एक कन्द सब्जी है। इसकी संख्त भूरी काली त्वचा होती है जिसके अंदर स्टार्चयुक्त मांस होता है। 

Q. क्या याम एक शकरकंद है?

Ans:- वास्तव में नारंगी-मांस वाले शकरकंद हैं।” असली याम पूरी तरह से अलग रूट सब्जी हैं जो बनावट और स्वाद में युक्का की तरह हैं।

Q. स्वास्थ्यवर्धक शकरकंद या रतालू कौन सा है?

Ans:- शकरकंद में याम की तुलना में प्रति सेवारत थोड़ी कम कैलोरी होती है। इनमें थोडी अधिक विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन की मात्रा तीन गुना से अधिक होती है, जो शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाती है। दूसरी ओर, कच्चा याम पोटेशियम और मैंगनीज में थोडा अधिक समृद्ध होता हैं।

Q. क्या याम एक आलू है?

Ans:- यह सच है: याम और शकरकंद पूरी तरह से अलग पौधे हैं और आपस में जुड़े हुए भी नहीं हैं। वे आलू की तरह कंद हैं, और ज्यादातर दुनिया के उष्णकटिबंधीय भागों में खेती की जाती है। रतालू की कई प्रजातियां भोजन के लिए उगाई जाती हैं, और बड़े कंद सफेद से पीले, गुलाबी, या बैंगनी रंग के होते हैं।

Q.क्या याम मेद कर रहे हैं?

Ans:- हालांकि, उन्हों एक वसायुक्त सब्जी होने की प्रतिष्ठा प्राप्त की है और उन्हें उच्च कैलोरी भोजन माना जाता है और उनमें बहुत अधिक स्टार्च होता है। लेकिन, यह सच नहीं है। दरअसल, शकरकंद को आलू का स्वास्थ्यवर्धक विकल्प माना जाता है।

Q. क्या अफ्रीका से याम हैं?

Ans:- याम की उत्पत्ति अफ्रीका, एशिया और कैरिबियन में हुई थी। अफ्रीकियों ने याम को “न्यामी” कहा, जहां से हमें “याम” शब्द मिलता है। वे बेलनाकार होते हैं और आकार में भिन्न होते हैं। कुछ सबसे बड़े याम का वजन 100 पाउंड से अधिक है और कई फीट लंबा है।

Q. कच्चा याम खाने से क्या होता है?

Ans:- शकरकंद के विपरीत, जिसे कच्चा खाया जा सकता है, यम को हमेशा छीलकर और पकाया जाना चाहिए क्योंकि इनमें डायोस्कोरिन सहित कई प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पौधे के विषाक्त पदार्थ होता है।

Q.क्या यम स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?

Ans:- वे फाइबर, पोटेशियम, मैंगनीज, तांबा और एंटीऑक्सिडेंट का एक बड़ा स्रोत हैं। यम विभिन्न स्वास्थ्य लाभों से जुड़े हुए हैं और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं, सूजन को कम कर सकते हैं और रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार कर सकते हैं। वे बहुमुखी, तैयार करने में आसान और मीठे और नमकीन दोनों प्रकार के व्यंजनों में अपने आहार में शामिल करने के लिए एक बेहतरीन सब्जी है।

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