सूरन से जुड़ी कुछ खास बातें | Suran Se Judi Hui Kuch Khas Batein

सूरन को भारत में जिमीकंद के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेज़ी में इसका नाम एलीफैंट फुट याम (Elephant Foot yam) है। भारत के विभिन्न राज्यों में से उत्तरी राज्य में इसे जमीकंद, बंगाल में ओल, मराठी में गोडा सूरन, मलयालम में छेना के नाम से भी जाना जाता है। भारत के प्राचीन इतिहास और सभ्यता में इस सब्ज़ी का जिक्र हैं। सूरन सब्ज़ी प्राचीन होने के साथ खास भी है। महाभारत के काल में वनवास के समय मझले पांडव भीम सूरन का उपयोग कर भोजन तैयार किया करते थे।

Suran Ke Fayde

आम तौर पर यह सब्ज़ी को घर के छोटे बगीचे में या आंगन में उगाया जाता रहा पर अब इसे व्यावसायिक स्तर पर अधिक उगाया जा रहा है।

आइए अब जानते हैं सूरन से जुड़ी कुछ खास बातें ।

  • सूरन की फसल भारत में सबसे अधिक पाई जाती है।
  • सूरन का संस्कृत शब्द सूरण, अर्शोघ्न है।
  • हाथी के पंजे जैसा दिखने के कारण अंग्रेज़ी में इसका नाम एलीफैंट फुट याम रखा गया।
  • जमीकंद या ओला नाम फ़ारसी नाम है।
  • सूरन को आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है। प्रधानतः अर्श, पेट दर्द, कृमि की बीमारी को ठीक करने के लिए सूरन का उपयोग किया जाता है।
  • सूरन के सेवन से पेट की बीमारियों से राहत मिलती है।
  • सूरन में विटामिन ब1, विटामिन बी 6, विटामिन सी के साथ खनिज पदार्थ मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम भी उपलब्ध है।
  • शरीर में खून के वृद्धि के लिए इसका सेवन लाभकारी है।
  • पाचन क्रिया को मजबूती देने में सहायक है। इस कारण वजन को कम करने में सहायक है।
  • रक्तचाप को संतुलित रखने में सहायक है।
  • खून से होने वाली बीमारी से राहत दिलाने में सहायक है।
  • हजम क्रिया को दुरुस्त करने में सहायक है। इसके सेवन से पेट साफ रहता हैं।
  • यह सब्ज़ी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में आता है। फाइबर संतुलित मात्रा में पाया जाता है।
  • मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति इसे भोजन में शामिल कर सकते हैं।
  • अपने निजी चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
  • कुछ तथ्यों से पता चलता है कि सूरन के सेवन से स्मृति प्रखर होती है।
  • विटामिन बी6 बालों के सेहत लिए लाभकारी है जो सूरन में उपलब्ध है।

नोट:

  • गर्भवती स्त्रियों को इसका सेवन नहीं करनी चाहिए।
  • सूरन के सेवन से गले के अंदर खराश, खुजली या जलन अनुभव होने पर तुरंत निम्बू का रस या इमली का सेवन करना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर निजी चिकित्सक से सलाह लें।
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