
हम सब यह जानते हैं कि ‘जल ही जीवन है’। पर क्या आप जानते हैं कि इस जीवनदायी जल को प्रकृति ने संरक्षण हेतु उसे सब्ज़ी और फलों में भर दिया। हमे कभी पानी की प्यास लगे और हम कोई सब्ज़ी या फल खा लें तब तुरंत हमारी प्यास बुझ जाती है।
ऐसा ही प्यास बुझाने वाला एक फल है तरबूज। तरबूज में पानी की मात्रा लगभग 90% है। यह विटामिन सी, विटामिन ए, खनिज, फाइबर इत्यादि से परिपूर्ण है।
भारतवर्ष में राज्यों के अनुसार तरबूज़ विभिन्न नामों से प्रचलित है,
- संस्कृत- कालिन्द
- हिंदी – तरबूज़
- मराठी- कलिंगड
- बंगला- तोरमुज
अब जानते हैं तरबूज से मिलने वाले कुछ फायदे,
- गर्मी के मौसम में तरबूज के सेवन से शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है।
- लू के थपेड़ों से बचने के लिए तरबूज का सेवन अत्यधिक लाभकारी है।
- तरबूज में लाइकोपीन पाया जाता है जो सूजनरोधी कार्य करने में सहायक है। शरीर में होने वाली जलन, सूजन या दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
- तरबूज के सेवन से हमारे शरीर को प्राकृतिक खनिज की प्राप्ति होती है। यह खनिज शरीर के त्वचा, बाल, नाखून, हड्डी, दांत, आंख को स्वस्थ रखने में सहायक है।
- तरबूज के सेवन से त्वचा में होने वाली झुर्रियों को कम किया जा सकता है। नई कोशिकाएं बनाने में सहायक है।
- तरबूज के सेवन से हमें तुरंत ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
- तरबूज के सेवन से बदहजमी, खट्टा डकार आना, उल्टी इत्यादि से राहत मिलती है।
- तरबूज के पौष्टिक तत्व शरीर के रक्त में कम समय में घुल जाते हैं। उच्च रक्तचाप जैसी तकलीफ को तुरंत कम कर देता है।
- पाचन तंत्र को क्रियाशील करने में सहायक है।
तरबूज़ एक ऐसा फल है जिसके बीज एवं छिल्के का भी खास महत्व है।
इसका छिलका भी पौष्टिक गुणों से भरा हुआ है। तरबूज़ के छिलके से सब्ज़ी तैयार की जाती है जो खाने में स्वादिष्ट होती है।
इसके छिलके से अचार भी बनाया जाता है।
भारतीय पाक शैली में तरबूज़ के बीज का खूब इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज को पीसकर रसा तैयार कर कोई भी व्यंजन का घनत्व को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। व्हाइट ग्रेवी तैयार करने के लिए खास तौर पर यह बीज का उपयोग होता है। भारतीय भोजन तैयार करने के लिए ग्रेवी में चार मगज़ के बीज मिलाए जाते है। जिसमे खीरा के बीज, खरबूजा के बीज, कुम्हड़ा के बीज एवं तरबूज़ के बीज मौजूद रहते हैं। यह बीज को मिष्ठान्न तैयार करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
स्वास्थ्य सचेत व्यक्ति तरबूज़ के बीजों को भून कर अल्पाहार के तौर पर सेवन कर सकते हैं।
प्रकृति के नियम अनुसार कोई भी वस्तु का सेवन अधिक या संतुलित मात्रा से ज्यादा करने से नुकसानदायक भी सिद्ध हो सकता है। इसी तरह तरबूज़ का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से बचें एवं निम्नलिखित विशेष बातों का ध्यान रखें।
- मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति जो इन्सुलिन ले रहे हैं, वे तरबूज़ का सेवन बिल्कुल कम करें। तरबूज़ में प्राकृतिक शक्कर मौजूद है जो शरीर के लिए नुकसानदायी हो सकती है।
- दस्त से पीड़ित व्यक्ति तरबूज़ का सेवन कम करें।
- बहुमूत्र बीमारी से पीड़ित व्यक्ति तरबूज़ का सेवन शाम को न करें।
