★ इतिहास से पता चलता है चुकंदर (Beet Root) प्राचीन सभ्यता काल में पूर्व मध्य एशिया, इजिप्ट, ग्रीस और रोमानिया में सबसे प्रथम उसके पत्तों के लिए पहचाना गया। धीरे धीरे समय का परिवर्तन हुआ, कृषि कार्य में विकास हुआ और चुकंदर को अन्य सब्ज़ियों में स्थान प्राप्त हुआ। फिर मध्य युग तक सभ्यताओं के मेल बंधन से पूरे विश्व को यह अनोखा लाल रंग की सब्ज़ी प्राप्त हुई।

चुकंदर/बीट के फायदे
★ इसके पत्तें से सलाद, सब्ज़ी इत्यादि बनतें हैं।
★ पकाकर या कच्चा खाया जा सकता है।
★ इससे चीनी बनाया जाता है जिसे ‘Beet Root Sugar’ के नाम से जाना जाता है।
★यह रक्त-बंधु (ब्लड फ्रेंडली) है। रक्त की कमी को दूर करने में सहायक है। इसका नियमित सेवन से शरीर को एनीमिया जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने में लाभदायक है।
★ चुकंदर रक्त में प्लेटलेट्स, रेड ब्लड सेल (RBC) बढ़ाने में सहायक है।
★ यह बीमारी प्रतिरोध क्षमता के लिए प्रतिरक्षी (Antibodies) को नैसर्गिक क्षमता प्रदान करने में सक्षम है।
★बीट के प्राकृतिक लाल रंग को फ़ूड इंडस्ट्री में खूब इस्तेमाल में लाया जाता है। केक, सॉस, मिठाई, चॉकलेट, वाइन इत्यादि बनाते समय इसके रंग के उपयोग में लाया जाता है।
★ 100 gm से लगभग 43 kcal एनर्जी या ऊर्जा पाया जा सकता है। 88% पानी,10% कार्बोहायड्रेट और शेष प्रतिशत में विटामिन, प्रोटीन और खनिज द्रव्य, इत्यादि पाया जाता है।
★ कुछ परीक्षण से पता चलता है कि चुकंदर प्लेटलेट को बढ़ाने में मदद करता है। चुकंदर लीवर और पैंक्रियास फ्रेंडली सब्ज़ी हैं। ब्लड प्रेसर को संतुलित कर सकता है।
★ इसमें बीटेन और ट्रीप्टोफन होने से तुरंत ‘इंस्टेंट एनर्जी’ देने में भी सहायक है। डाइटिंग के लिए यह सब्ज़ी अनेक लाभ दायक है।
★ मान्यता है कि ग्रीक देवी एफ्रोडाइट को चुकंदर पसंद है। शायद यह भी एक कारण है चुकंदर को ‘Aphrodisiac’ फ़ूड की मान्यता है।
★ डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी चुकंदर लाभकारी है, परंतु संतुलित आहार एवं नियमित पोषण की पूर्ति को परखना भी अव्यश्यक है। डायटीशियन अथवा चिकित्सक से सलाह- परामर्श लें।
★ चुकंदर से बना हुआ सलाद, सब्ज़ी, जूस, इत्यादि को घर में नित्य-भोजन में शामिल करें।