पुदिना पत्ता और उसकी ताज़ा तीव्र खुशबू हम सबको प्रिय है। पुदिना का पत्ता और पौधा देखने में भले ही छोटा प्रतीत होता है परंतु पुदिना से मिलने वाली पुष्टि और इसके गुणों का लाभ गिनकर परखना अत्यंत मुश्किल है।

आइए जानते हैं पुदीने से जुड़ी हुई कुछ खास बातें।
- पुदिना का वैज्ञानिक नाम मेंथा अरवेंसीस (Mentha Arvensis) है। प्रचलित अंग्रेज़ी नाम मिंट (Mint) है।
- पुदीने की उपज के लिए समशीतोष्ण क्षेत्र अनुकूल होता है। भारत के अतिरिक्त पुदिना एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका, साइबेरिया में भी पाया जाता है।
- पुदीना में विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट पाए जातें हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स ऑक्सीकरण को रोकने में सक्षम है। त्वचा को उज्ज्वल स्वस्थ और तरुन रखने में क्षमता प्रदान करती है।
- पुदिना से कई जैविक पदार्थ प्राप्त होते हैं जिसमे मेंथॉल एक मुख्य पदार्थ है। मेंथा का इस्तेमाल दवा, भोज्य सामग्री, शीतल पेय, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री, इत्यादि के उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- पुदीना से उत्पन्न किया हुआ मेंथॉल को दांतों की चिकित्सा के लिए अधिक उपयोग में लाया जाता है। मेंथॉल Streptococci और Lactobacilli जैसी बैक्टीरिया को प्रतिरोध करने में सक्षम है।
- कच्चा पुदिना पत्ता नियमित चबाने से मुँह के अंदर का स्वस्थ अच्छा रहता है। मसूड़े को मजबूती मिलती है। सांस की बदबू को दूर करने में सहायक है।
- सर्दी या साधारण जुकाम से पीड़ित होने पर पुदीना पत्तों से बना हुआ गर्म पानी या चाय पीने से सर्दी जुकाम से छुटकारा मिल सकता है।
- भोजन पकाते समय पुदीना को भी उपयोग में लाना चाहिए। यह करने से हाजमे में इज़ाफ़ा होगा।
- पुदिना के सेवन से अरुचि या अजीर्ण से मुक्ति मिल सकती है।
- गर्मी के मौसम में पुदीना पत्तों को पीसकर, एक गिलास शीतल पानी में 2 चुटकी काला नमक, 1 चम्मच चीनी, नींबू के साथ घोलकर पीने से लू से राहत मिलती है।
- भोजन का सेवन करते समय पुदिना की चटनी का सेवन करना चाहिए। पाचन तंत्र और हाजमा को बढ़ावा देने में सहायक है।
- पेट में दर्द या उल्टी होने और पुदीना पत्तों का रस पीने से आराम मिलता है।
- सिर दर्द या नाक बंद होने पर पुदीना पत्ता मिला हुआ पानी की भाप लेने से आराम मिलता है।
- गर्मी के मौसम में पुदीना पीसकर सिर पर, बदन पे लगाने से राहत मिलती है।