
इमली का शर्बत रेसिपी देख कर झटपट तैयार करे लू से बचने के लिए यह लाभकारी खट्टी मीठी ठंडी पेय।
यह पेय इमली के लाभकारी गुणों के साथ स्वादिष्ट भी है।
बाजार के कृत्रिम पेय के अनुपात में यह पेय कई गुणा अधिक गुणकारी और लाभकारी है। यह जैविक होने के साथ सम्पूर्ण शुद्ध भी है।
गर्मी में लू की थपेड़ों से बचने के लिए यह पेय का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हितकारी है।
अधिक खाने से बदहजमी को कम करने में भी यह पेय सहायक है।
इस पेय का सेवन से मोटापा भी घटाया जा सकता है।
यहाँ इस पेय को तैयार करने की सरल विधि बताई गई है।
निम्न में दिए हुए रेसिपी को अनुसरण करें:
व्यंजन विधि/ Cuisine: | भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी |
व्यंजन | इमली का शर्बत |
सात्विक आहार | हाँ |
जैन भोजन | हाँ |
सामग्री तैयार करने का समय: | 5 Mins |
पकाने का समय/ कुकिंग टाइम | 10 Mins |
अंश : | 6 व्यक्ति के लिए |
इमली का शर्बत के लिए सामग्री
इमली | 50 gm |
गुड़ | 80 gm |
काला नमक | 1 ½ teaspoon |
काली मिर्च पाउडर | 1 teaspoon |
ठंडा पानी | 6 कप / आवश्यकता अनुसार |
बर्फ के टुकड़े | 12 टुकड़े / आवश्यकता अनुसार |
विधि (प्रिपरेशन मेथड)

- एक गहरी कटोरी में 2 कप पानी डालें।
- इमली को पानी में डालकर 5 मिनट तक भिगोकर रखें।
- अब इमली को कुछ देर तक हाथ से मसलते रहें।
- पानी में इमली को पूरी तरह मिलाकर निचोड़ दें।
- इमली का सारा रस पानी में घुल जाने पर छलनी से पानी को छान लें।

- इमली की बीज और रेशा को अलग कर दें।
- इमली पानी में गुड़ डालें
- काला नमक डालें।
- पिसी हुई काली मिर्च डालें।
- चम्मच से पानी को अच्छी तरह मिला लें।

- पानी को छलनी से छान लें।
- शेष 4 गिलास पानी डालकर मिला दें।
- खट्टा मीठा स्वाद होना चाहिए।
- पेय का स्वाद को आवश्यकता अनुसार संतुलित करें।
- शर्बत तैयार है। बर्फ के टुकड़े डालें।
- ठंडा ठंडा इमली का शर्बत गिलास में डालकर परोसें।
टिप्स:
- यह व्यंजन तैयार करने के लिए लाल परिपक्क इमली का चयन करें।
- यह शर्बत पकी हुई ताज़ी इमली या सुखी हुई इमली से तैयार किया जा सकता है। शर्बत के स्वाद और खुशबू में भिन्नता होगी।
- पसंद अनुसार इस शर्बत में पुदिना पत्ता, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, हींग भी मिलाई जा सकती है।
- पसंद अनुसार शक्कर का भी उपयोग किया जा सकता है।
- रस निकालकर बची हुई इमली को कांसा, पीतल, तांबा या स्टील के बर्तन को चमकाने के लिए उपयोग करें।
- इमली के बीज को कचरा पेटी में कभी न डालें। बीज को कहीं पेड़ पौधे वाली जगह में जाकर भूमि में गाड़ दें। इस तरह पर्यावरण को संभालने में एक योगदान होगा। इमली के पेड़ कहीं पर भी तुरंत उग जाया करता है।