
फूलगोभी क्या है?
विभिन्न सब्ज़ियों के बीच में मजबूत सख्त फूल जैसी दिखने वाली सब्ज़ी फूलगोभी है। वनस्पति विज्ञान के अनुसार फूलगोभी ब्रैसिका ओलेरासिया प्रजाति परिवार से जुड़ी हुई एक सब्ज़ी है। फूलगोभी का पुनरुत्पादन बीज द्वारा होती है।
इसका वैज्ञानिक नाम है Brassica oleracea botrytis Linn.
फूलगोभी सब्ज़ी है या फूल?
फूलगोभी फूल जैसी दिखने वाली एक सब्ज़ी है जिसकी नस्ल पत्तागोभी, ब्रोक्कोली जैसी सब्ज़ियों की परिवार से जुड़ी हुई है।
विश्व के किस प्रान्त में इसकी खेती होती है?
विश्व के लगभग सभी उत्तरी गोलार्ध देशों में इसकी खेती बढ़ चढ़कर होती है। यह सब्ज़ी की खेती के लिए संतुलित ठंडे तापमात्रा की आवश्यकता पड़ती है। न्यूनतम तापमात्रा 21° सेंटीग्रेड से उच्चतम 29° सेंटीग्रेड तापमात्रा यह सब्ज़ी की उपज के लिए श्रेष्ठ है।
इसकी उत्पत्ति कहाँ हुई?
आधुनिक खोजबीन के माध्यम से विशेषज्ञ कहते हैं कि यह सब्ज़ी की उत्पत्ति भूमध्यसागरीय क्षेत्र (मेडिटरेनीयन रीजन) में हुआ होगा। यह सब्ज़ी को १६वी शताब्दी के समय पर पश्चिमी यूरोप में साईप्रस कॉलेवर्ट के नाम से जाना जाता था। बाद में फ्रांस देश के भोजन शैली में यह सब्ज़ी को शामिल किये जाने पर लोकप्रियता प्राप्त हुई। उसके बाद विभिन्न शासन तंत्रों के द्वारा दुनिया के हर कोने में यह सब्ज़ी पोहुँच गई।
क्या भारत में यह सब्ज़ी की खेती होती है?
भारत देश में यह सब्ज़ी की खेती बहुत ही बड़े पैमाने में की जाती है। आंकड़े के अनुसार पूरे विश्व में भारत यह सब्ज़ी उत्पादन में दूसरे नम्बर पर है और चीन पहले नम्बर पर है।
फूलगोभी के विभिन्न भारतीय नाम
यह सब्ज़ी का खाने योग्य हिस्सा।
साधारणतः यह सब्ज़ी का पुष्पक जैसा शिर मनुष्य के खाद्य योग्य है जो सफेद फूल की तरह दिखाई पड़ता है। डंठल भी खाद्य योग्य है परन्तु इसका उपयोग बहुत ही कम किया जाता है।
यह सब्ज़ी के किस भाग को ‘दही’ कहा जाता है?
यह सब्ज़ी के स्वेत पुष्पक (फ्लोरेट्स) जैसे दिखने वाले हिस्से को ‘दही’ कहा जाता है। यह स्वेत पुष्पक अंग को अंग्रेज़ी भाषा में कर्ड (curd) कहा जाता है।
यह सब्ज़ी बाजार में किस मौसम में उपलब्ध रहती है?
यह सब्ज़ी ठंडी के मौसम में फलती है। इस तरह ठंडी के मौसम में ताज़ी फूल गोभी बाजार में निरन्तर उपलब्ध रहती है। अन्य मौसम पर मिलने वाली यह सब्ज़ी अधिकतर कोल्ड स्टोरेज की होती है।
कभी कभी यह सब्ज़ी की पुष्पक पर लाल बैंगनी रंग क्यों आने लगते हैं?
गर्मी के मौसम में पुष्पक पर निरन्तर तेज धूप पड़ने से ‘दही’ मलिन होने लगता है एवं ऐसा रंग उभर कर आने लगता है।
यह सब्ज़ी से मिलने वाला पौष्टिक तत्व।
एक सौ ग्राम सब्ज़ी में लगभग 90% प्रतिशत पानी उपलब्ध है। बाकी 10% प्रतिशत में कार्बोहायड्रेट, विटामिन, खनिज, थोड़ा प्रोटीन और न के बराबर फैट मौजूद है।
यह सब्ज़ी में कौन कौन से विटामिन्स और खनिज उपलब्ध है?
विटामिन बी, सी, इ, और के उपलब्ध है। खनिज में मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, फ़ास्फ़रोस, कैल्शियम, आयरन मौजूद है।
सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध विटामिन कौन सा है?
यह सब्ज़ी में विटामिन सी की मात्रा लगभग 80% प्रतिशत रहकर सबसे अधिक है।
मूड स्विंग से छुटकारा दिलाये, मानसिक स्वास्थ्य को सुधारे।
यह सब्ज़ी में मौजूद विटामिन बी (थियामिन, फोलेट) एवं विटामिन सी मस्तिष्क के कोशिकाओं को मजबूती प्रदान करके मस्तिष्क के स्वास्थ को स्वस्थ रखने में सहायक है।
जोड़ों के दर्द को कम करें यह सब्ज़ी।
यह सब्ज़ी ज्वलनशील रोधी एवं सुजनरोधी है। इसलिए इसके सेवन से शरीर में होनेवाला जोड़ों के दर्द, सूजन संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
पाचन तंत्र की मजबूती
यह सब्ज़ी के सेवन से पाचन तंत्र को बढ़ावा मिलता है जिसके कारण पेट के वसा को गलाने में सहायता प्राप्त होती है।
पेट में पल रहे हानिकारक कीड़े को नष्ट करती है।
यह सब्ज़ी के साग, पत्ते, डंठल को पकाकर सेवन करने से पेट में पल रहे कीड़े को नष्ट कर देती है। पेट को साफ रख कर कई बीमारियों से छुटकारा दिलाती है।
पाइल्स की बीमारी को दूर करें।
नियमित रूप से यह सब्ज़ी को पकाकर सेवन करने से पाइल्स जैसी बीमारी से राहत मिलती है।
पेट दर्द से मुक्ति दिलाएं
नियमित यह सब्ज़ी का सेवन करने से एसिडिटी अथवा अपच की परेशानियों से राहत मिलती है। पेट दर्द को ठीक करने में मददगार है।
त्वचा को उज्ज्वलता प्रदान करती है।
यह सब्ज़ी के सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी प्राप्त होती है जो त्वचा को उचित पोषण प्रदान करने में सक्षम है। इसके फल स्वरूप त्वचा एवं केश उज्ज्वल होने लगते हैं।
किसे यह सब्ज़ी का सेवन नहीं करनी चाहिए।
थाइरोइड की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को यह सब्ज़ी का सेवन से बचना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए अपने निजी चिकित्सक से संपर्क करें।
रसोई घर में योगदान।
रसोई घर में यह सब्ज़ी का महत्पूर्ण योगदान है। कई प्रकार के लोकप्रिय तथा प्रचलित व्यंजन यह सब्ज़ी से तैयार किया जाता है। गोभी के पराठे, गोभी का खीमा, गोभी मंचूरियन इत्यादी कुछ खास प्रचलित व्यंजन है।
FAQ
Q.फूलगोभी कितने प्रकार की होती है?
Ans :- फूलगोभी के परिवार में चार वर्गीय सब्जियाँ है जैसे, फूल गोभी, पत्तागोभी या बंदगोभी, गांठगोभी, ब्रोकोली।
Q.फूलगोभी में क्या क्या पाया जाता है?
Ans :- एक सौ ग्राम सब्ज़ी में लगभग 90% प्रतिशत पानी उपलब्ध है। बाकी 10% प्रतिशत में कार्बोहायड्रेट, विटामिन, खनिज, थोड़ा प्रोटीन और न के बराबर फैट है।
Q.हरा गोभी को क्या बोला जाता है?
Ans :- हरा गोभी को ब्रोकोली कहा जाता है।
Q.गोभी का वैज्ञानिक नाम क्या है?
Ans :- ब्रेसिका औलीरेशिया और किस्म- बोट्राइटिस है।
Q.गोभी खाने के क्या क्या फायदे है?
Ans :- गोभी खाने के कई फायदे हैं जैसे इसमें कार्बोहायड्रेट की मात्रा अधिक होने से तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम है। विटामिन बी मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है। सब्ज़ी में मौजूद विटामिन सी शरीर की त्वचा एवं बालों को पुष्टि प्रदान करता है। पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करने में सक्षम है।
Q.स्वस्थ ब्रोकली या फूलगोभी कौन सी है?
Ans :- दोनों सब्ज़ी ही स्वास्थ प्रदान करने में सम परिमाण रूप से सक्षम हैं।
Q.क्या फूलगोभी वजन घटाने के लिए अच्छी है?
Ans :- फूलगोभी के सेवन से हजम क्रिया एवं पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है जो शरीर के वजन को घटाने में प्रधान सहायक सिद्ध होती है।
Q.क्या फूलगोभी आपके लीवर के लिए अच्छी है?
Ans :- फूलगोभी में मौजूद विटामिन बी, सी, इ लीवर को स्वस्थ रखने में कारगर है।
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