
लिट्टी चोखा रेसिपी : झारखंड और बिहार क्षेत्र का एक पारंपरिक एवं सम्पूर्णतः पौष्टिक भोजन है।
मुख्यत भुना हुआ देसी चने का बेसन (सत्तू), प्याज, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, अजवायन (अजवाइन), कलौंजी या काला जीरा, काली मिर्च, धनिया पत्ता, नींबू का रस, आम का अचार का तेल मसाले के साथ मिला कर सुखा मिश्रण तैयार किया जाता है।
फिर गेहूँ के आटे में भरवां सत्तू का मिश्रण भरकर गोलकार गेंद बनाकर आग के गड्ढे में भूनकर पकाया जाता है। पकाने की विधि में तेल या घी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। गांव की पारंपरिक परंपरा में लिट्टी को गाय के सूखे गोबर के उपले (गोइठा / गौरी) के अग्निकुंड में डालकर पकाया जाता है।
यह व्यंजन पुदीना-धनिया की चटनी, अचार, आलू चोखा ताजा सलाद और बैगन का भरता के साथ परोसा जाने वाला पौष्टिक भोजन है। बच्चों के स्कूल टिफ़िन एवं ऑफिस के भोजन डब्बे के लिए यह व्यंजन बिल्कुल उपयुक्त है।
यह व्यंजन को लोहे की ग्रिल पर रखकर गैस की आग पर भूनकर पकाया जा सकता हैं। ओवन में भी पकाया जा सकता है।
परन्तु यहाँ हमने एक बहुत ही आसान सा तरीका बताया है जिससे आसानी से घर में लिट्टी किसी भी समय तैयार की जा सकती है। अप्पे के तवे पर बड़ी सरलता से यह व्यंजन को तैयार किया जा सकता है।
इस रेसिपी में यह व्यंजन को तैयार करने लिए बिल्कुल सरल विधि बताई गई है। निम्न में दिए हुए विधि का अनुसरण करें।
व्यंजन शैली /Cuisine | बिहार-झारखंड / उत्तर भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी |
व्यंजन नाम | लिट्टी चोखा |
सामग्री तैयारी करने का समय | 10 Mins |
पकाने का समय/ कुकिंग टाइम | 30 Mins |
कुल समय | 40 Mins |
अंश भाग / पोरशन | 4 व्यक्ति के लिए |
लिट्टी चोखा रेसिपी के लिए सामग्री | Ingredients
आटा | 500 gm |
घी | 2 teaspoon |
नमक | स्वाद अनुसार |
पानी | आवश्यकता अनुसार |
बेकिंग पाउडर | ½ teaspoon |
भरवां के लिए | |
देसी चना का सत्तू | 200 gm |
प्याज़ | 200 gm |
लहसुन (बारीक कटा हुआ) | 1 teaspoon |
अदरक (बारीक कटा हुआ) | ½ teaspoon |
धनिया पत्ता ( बारीक कटा हुआ) | 2 tablespoon |
हरी मिर्च ( बारीक कटी हुई) | 2 मिर्च |
निम्बू का रस | 1 निम्बू |
अजवायन (तवे पर हल्का भून लें) | 1 teaspoon |
कलौंजी (तवे पर हल्का भून लें) | ½ teaspoon |
काली मिर्च (वैकल्पिक) (तवा पर थोड़ा सा भून कर कूट दें) | ¼ teaspoon |
धनिया पाउडर | ½ teaspoon |
जीरा पाउडर | ½ teaspoon |
लालमिर्च पाउडर | ¼ teaspoon |
अचार का मसालेदार सरसों तेल | 2 tablespoon |
नमक | स्वादानुसार |
घी (पकी हुई लिट्टी पर लगाने के लिए) | आवश्यकता अनुसार |
विधि (प्रिपरेशन मेथड)

- एक गहरे बर्तन में आटा डालकर नमक, बेकिंग पाउडर और घी डालकर अच्छी तरह मिला दें।
- आटा को गूंथने के लिए धीरे धीरे आवश्यकता अनुसार पानी डालें और मिलाते रहें।

- बिल्कुल सख्त कर आटा को गूंथ लें।
- अब कुछ देर तक आटा को भीगे कपड़े से ढक कर अलग रख दें।
- एक गहरी कटोरी में सत्तू डालें।
- अजवायन को हाथ में रगड़कर डाल दें।
- कलौंजी को हाथ में रगड़कर डाल दें।

- कटे हुए प्याज़, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, धनिया पत्ता, मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, काली मिर्च पाउडर डालकर मिला दें।
- निम्बू रस डालकर मिला दें।
- सरसों तेल डालकर मिला दें।
- नमक डालकर मिला दें।
- भरवन के लिए मसाला तैयार है।

- गुंथे हए आटा का छोटे छोटे आकार में लोई बना लें। (यहाँ उपयोग होने वाले अप्पम तवे के अनुसार 25 ग्राम का लोई लिया गया है।)
- लोई को चकले पर बेलन से बेलकर छोटी गोल पूरी बना लें।
- अब पूरी को हथेली पर रखकर किनारों को दबा दबाकर थोड़ा फैला दें।(चित्र संख्या 15 को देखें)
- आवश्यक परिमाण अनुसार सत्तू मसाले को पूरी के ऊपर केंद्र में रखें। (चित्र संख्या 16 को देखें)

- पूरी के किनारों को मोड़कर केंद्र में लाएं और चिपका दें।
- गोल गेंद के आकार में लोई आकार करें। इस तरह सारे लोई में भरवाँ डालकर तैयार कर अलग रखें।
- धीमी आँच पर अप्पे तवा को गर्म करें। सांचे में घी लगा दें।
- अब तवे के सांचों में सारे भरवाँ भरी हुई लोइयों को रख दें।

- तवे पर ढक्कन लगा दें। आंच को धीमी रखें।
- लगभग तीन से चार मिनट बाद ढक्कन खोलकर लोइयों को थोड़ा घुमाकर देखें। आवश्यकता होने पर दूसरी ओर घुमा दें।
- इस तरह सुवर्ण भूरा होने तक पकने दें। पकने की प्रक्रिया में लगभग 15 से 20 मिनट तक लग सकती है।
- बीच बीच में ढक्कन खोलकर लोइयों को घुमाकर पलटते रहें।
- परतों पर भूरा छाला आने पर समझना चाहिए व्यंजन पक गया है। आंच को बंद करें।
- तवा ठंडा होने पर व्यंजन को निकाल कर अलग बर्तन में रखें।
- इस तरह सारे पका कर तैयार करें।
- पसंद अनुसार व्यंजन पर घी लगाएं।
- गरमा गर्म परोसें आलू चोखा, ग्रीन चटनी, टमाटर की चटनी, प्याज़ की चटनी, सलाद, अचार के साथ।
टिप्स:
- यह व्यंजन को बनाते समय सिर्फ आटा का उपयोग हुआ है।
- यह व्यंजन के लिए आटा को सख्त गूंथना है।
- गूंथा हुआ आटा को 10 से 15 मिनट तक फूलने देने से परिणाम मुलायम बनता है।
- अंदर के भाग से तवा के ढक्कन पर भाँप का पानी जमा होने लगता है। बीच बीच में व्यंजन को परखते समय पर ढक्कन को पोछ दें। भांप का पानी ढक्कन के किनारों में जमा होता है, इसलिए ढक्कन को खोलते समय सावधानी बरतें।