
चना दाल और पालक के पकोड़े रेसिपी यहाँ पर बिल्कुल सरल तरीके से बताया गया है जो हमारे घर में मैने, हमारे दादीमाँ से सीखा था।
हमारा घर संयुक्त परिवार होने के कारण कई प्रकार की विभिन्न व्यंजन हर रोज़ तैयार किया जाता था। हमारी दादीमाँ के नियंत्रण से पूरा रसोई घर चला करता था। तब हमने सीखा किस तरह एक सामग्री को अलग-अलग रूप, रंग, आकार देकर एक नया व्यंजन बनाया जा सकता है। हमने यह भी सीखा किस तरह सब्ज़ियों को सम्पूर्ण रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है वह भले छिलका हो या फिर सब्ज़ियों की डंडी ही क्यों न हो।
इसी तरह एक दिन हमने चना दाल और पालक के पकौड़े बनाना सीख लिया। घर में हम सब बच्चों को खाने में रुचि बना रहे, हर तरह का भोजन खाना सिख जाएँ इसलिए हमारी दादीमाँ हमेशा तत्पर रहती थी।
पालक साग हम किसी को पसंद नहीं था पर पकौड़े में दिलचस्पी बढ़ चढ़कर थी। तब दादीमाँ ने हमें पालक का आदत डालने के लिए पालक को दाल में मिलाकर पकौड़े बनाकर हमें परोसने लगें। फिर हम सब पीला पकौड़े के साथ हरा पकौड़ा भी खाने लगें। इस तरह हम सब पालक साग खाने का आदि हो गयें। अब सोचता हूँ कि बचपन में हम कितने नादान होतें हैं पर एक दादीमाँ कितनी समझदार जो स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ हमारे पसंद को भी तैयार कर देती हैं। आज मुझे पालक सबसे ज्यादा पसंद है मेरी दादीमाँ की तरह।
यह पकौड़ा बनाना बिल्कुल आसान है और झटपट बन जाता है। घर में मेहमान आए या चाय नाश्ता हो यह पकौड़ा हर समय के लिए उपयुक्त है।
पकौड़ा बनाने के लिए निम्न में दिए हुए पद्धति को अनुसरण करें;
व्यंजन शैली/Cuisine | भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी/अल्पाहार(स्नैक्स) |
जैन व्यंजन | नहीं |
सामग्री तैयारी करने का समय | 10 Mins |
पकाने का समय/ कुकिंग टाइम | 15 Mins |
अंश भाग/पोरशन | 4-6 लोगों के लिए |
सामग्री
चना दाल | 200 gm |
पालक ताज़ा | 200 gm |
जीरा अक्खा | 20 gm/ एक चम्मच |
धनिया अक्खा | 20 gm/ एक चम्मच |
जीरा पाउडर | आधी चम्मच |
लहसुन | 2 दानें |
अदरक | 10 gm/ छोटा टुकड़ा |
हरा मिर्च (बीज निकल हुआ) | 1पीस(वैकल्पिक) |
सूखी लाल मिर्च(बीज निकल हुआ) | 1 पीस (वैकल्पिक) |
नमक | स्वाद अनुसार |
हींग | दो चुटकी |
मीठा सोडा | एक/दो चुटकी |
चाट मसाला | 1 चम्मच/ स्वाद अनुसार |
पानी | आवश्यकता अनुसार |
सनफ्लॉवर तेल (तलने के लिए) | आवश्यकता अनुसार |
पालक पेस्ट बनाने की विधि
पालक साग को गरम पानी में एक चुटकी सोडा मिलाकर उबाल लें। ठंडा होने पर पालक से पानी पूरी तरह निकाल दें। मिक्सी जार में पीसकर पेस्ट बना लें।दाल मिश्रण में मिला दें।
विधि (प्रिपरेशन मेथड)

- चना दाल को साफ कर पानी में ठीक से धोएं।
- चना दाल को दो से तीन घंटे तक पानी में भीगोके रखें। अथवा, रात में भी भीगोके रख सकते हैं जो दूसरे दिन में उपयोग करें।
- पालक साग को गरम पानी में एक चुटकी सोडा मिलाकर उबाल लें। ठंडा होने पर पालक को मिक्सी जार में पीसकर पेस्ट बना लें।
- दाल फूल जाने के बाद मिक्सी के जार में दाल, अक्खा जीरा- धनिया, हरा मिर्च, लहसुन,अदरक, सूखी लाल मिर्च सब मिलकर दरदरा बनावट कर पीस लें। मिश्रण गाड़ा और जमा हुआ होना चाहिए। पानी का इस्तेमाल बिल्कुल कम करें।
- मिक्सी जार से पिसी हुईदाल को निकालकर एक अलग बर्तन में रखें। पीसि हुई पालक, जीरा पाउडर, हींग, सोडा और स्वाद अनुसार नमक मिलाएं।

- फ्राइंग पैन/ कढ़ाई पे तेल गरम करके दाल- पालक मिश्रण को छोटे-छोटे पकौड़े के आकार में तल लें। गैस की आँच मध्यम रखें।

- पकौड़ों को अलग प्लेट पे टिश्यू पेपर के ऊपर रखें। इससे अत्यधिक तेल पकौड़ों से निकल जायेगा।

- चना दाल और पालक के पकौड़े तैयार है। चाट मसाला छिड़कें और हरा चटनी, टोमेटो चटनी के साथ चाय-नाश्ते के वक़्त परोसें।
टिप्स :
- अगर लहसुन पसंद न हो तो उपयोग न करें।
- जैन भोजन के लिए लहसुन-अदरक का उपयोग न करें।
- चना दाल को पीसते समय पानी का इस्तेमाल बिल्कुल कम करें। मिश्रण अधिक पतला न हो पाए जिससे पकौड़ा बनाने में दिक्कत हो सकता है।
- पालक को हमेशा पानी गरम होने के बाद ही डालें।
- एक चुटकी सोडा मिलाया हुआ पानी में पालक उबलने से रंग बिल्कुल ताज़ा हरा रहता है।
- अक्खा जीरा, धनिया मौजूद न होने पर जीरा-धनिया पाउडर इस्तेमाल कर सकतें हैं।
- पकौड़े में अजवाइन भी मिला सकतें हैं। इससे खुशबू, स्वाद और हाजमे में इज़ाफ़ा होता है।
- पकौड़ा तलते समय जब रंग बदलने लगे तब पकौड़ों को तेल से निकालकर कुछ देर अलग प्लेट पे रखें। पकौड़ा थोड़ा ठंडा होने पर फिर से दोबारा तलें। ऐसा करने से पकौड़े अंदर से अच्छी तरह पक जाता है।
- पालक मिलाने के कारण पकौड़े का रंग हरा होगा।