
छानार पायेश
यह व्यंजन भारत देश के पश्चिम बंगाल राज्य की एक प्रसिद्ध खीर जैसा खुशबूदार मिष्ठान्न है। यह व्यंजन की प्रधान सामग्री छेना और गाढ़ा दूध है।
- छानार पायेश
- छेना
- ऐसे बनाएं यह व्यंजन को।
- कुछ प्रचलित लोकप्रिय पायेश
- छानार पायेश और साधारण खीर का अंतर
- बिल्कुल कठिन नही है यह मिष्ठान्न को तैयार करना।
- व्यंजन की विशेष ख़ासियत
- इस तरह से करें यह व्यंजन का समावेश।
- निम्न में दिए हुए विधि को अनुसरण करें और सरलता से बनाएँ यह व्यंजन ।
- व्यंजन के वर्गीकरण
- आहार के प्रकार
- रंधनपाक समय
- सर्विंग
- छानार पायेश रेसिपी के लिए सामग्री | Ingredients
- व्यंजन की विधि चित्र सहित (प्रिपरेशन मेथड)
- टिप्स:
- FAQ
छेना
छेना दूध का एक द्विउत्पाद पदार्थ है। दूध में प्राकृतिक रूप से प्रोटीन तत्व केसीनोजन मौजूद है। यह केसीनोजेन अम्ल के संस्पर्श में आने पर जैविक रासायनिक विक्रिया का गठन होने लगता है एवं प्रोटीन तत्व जमकर तुरंत दूध से अलग हो जाता है। यह जमा हुआ पदार्थ ही छेना या पनीर है।
ऐसे बनाएं यह व्यंजन को।
ताज़ा छेना को मसलकर मुलायम किया जाता है। छेना में शक्कर मिलाकर बिल्कुल छोटे छोटे जामुन जैसे लड्डू बनाकर मीठे गाढ़े दूध में पकाया जाता है। यह मिष्ठान्न का गठन खीर जैसा होता है परन्तु इसमें चावल या अन्य सामग्री का उपयोग नही होता है। यह एक तरल गाढ़ा मिष्ठान्न है।
कुछ प्रचलित लोकप्रिय पायेश
पश्चिम बंगाल की भोजन शैली में कुछ प्रचलित पायेश मिष्ठान्न व्यंजन का नाम है गोविंद भोग चालेर पायेश, छानार पायेश, सेवाई एर पायेश, नोलन गुड़ेर पायेश।
छानार पायेश और साधारण खीर का अंतर
खीर में जो प्रधान सामग्रियों का उपयोग किया जाता है वे चावल, सेवाई, साबूदाना इत्यादि होती है। परन्तु छानार पायेश में छेने का लड्डू बनाकर उपयोग किया जाता है।
बिल्कुल कठिन नही है यह मिष्ठान्न को तैयार करना।
यह व्यंजन को बनाना बिल्कुल आसान है। सारी सामग्री साधारण है जो सभी के घर में उपलब्ध रहती है। यहाँ दिए हुए रेसिपी का अनुसरण करें और यह मिष्ठान्न को बड़ी सरलता से बनाएं।
व्यंजन की विशेष ख़ासियत
यह व्यंजन एक उत्कृष्ट मिष्ठान्न है। यह बहु प्रचलित होने के साथ साथ लोकप्रिय भी है। यह मिष्ठान्न कोई भी अनुष्ठान, पूजा, पर्व, त्योहार के लिए श्रेष्ठ है। यह मिष्ठान्न स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी है। दूध के सारे पौष्टिक गुण इस मिष्ठान्न में मौजूद है।
इस तरह से करें यह व्यंजन का समावेश।
यह व्यंजन को मुख्य भोजन में मिष्ठान्न के तौर पर समावेश किया जा सकता है।
निम्न में दिए हुए विधि को अनुसरण करें और सरलता से बनाएँ यह व्यंजन ।
व्यंजन के वर्गीकरण
व्यंजन विधि शैली / Cuisine | पश्चिम बंगाल / पूर्व भारतीय |
भोजन चुनाव | शाकाहारी |
व्यंजन प्रकार | मिष्ठान्न |
व्यंजन नाम | छानार पायेश |
आहार के प्रकार
शाकाहारी आहार | हाँ |
सात्विक आहार | हाँ |
जैन आहार | हाँ |
रंधनपाक समय
सामग्री तैयार करने का समय | 10 Mins |
पकाने का समय / कुकिंग टाइम | 20 Mins |
कुल समय | 30 Mins |
सर्विंग
अंश | 4 व्यक्ति के लिए |
छानार पायेश रेसिपी के लिए सामग्री | Ingredients
व्यंजन तैयार करने के लिए सामग्री
सामग्री | मात्रा |
छेना (छेना के लिए संदेश रेसिपी देखें) | 200 gm |
शक्कर (पिसी हुई) | 6 tablespoon |
इलायची (पिसी हुई) | 1 इलायची |
गुलाब जल | 4 बूंद |
घी | 2 tablespoon |
वैकल्पिक मिश्रण
संदेश के अंगूरी लड्डू | 10 अंगूरी |
व्यंजन की विधि चित्र सहित (प्रिपरेशन मेथड)
छेना को व्यंजन के लिए तैयार करने की विधि

- छेना को कुछ देर तक हाथ से मसल कर मुलायम करें। छेना मुलायम होने पर एक टैब्लस्पून घी डालकर अच्छी तरह मिला दें। यह करने से खुशबू का परिणाम बहुत अच्छा होगा।
- मसले हुए छेना में दो टैब्लस्पून पिसी हुई शक्कर मिला दें।
- अब हथेली पर थोड़ा घी लगा लें।
- छेना की छोटी छोटी लोई काट लें एवं हथेली में घुमाकर गोल लड्डू जैसा बना लें।
- छेना के लड्डुओं को एक अलग तश्तरी पर रखें।

- मध्यम आंच पर एक गहरे सॉस पैन में दूध डालकर आँच पर रखें एवं पूरी तरह से उबलने दें।
- दूध को करछुल से बीच बीच में चलाते रहें। दूध को घटकर गाढ़ा होने दें।
- दूध का परिमाण उबलते हुए लगभग आधा होने पर छह चम्मच पिसी हुई शक्कर डाल दें। करछुल से दूध को चलाकर शक्कर को अच्छी तरह से मिला दें।
- अब दूध में एक तोड़ी हुई इलायची डाल दें।
- दूध को तीन से चार बार चला दें। आंच को धीमी रखें।

- अब छेना के कच्चे लड्डुओं को एक एक करके, धीरे धीरे गाढ़ा दूध में डाल दें।
- बिल्कुल धीमी आंच पर तीन से चार मिनट तक पकने दें।
- छेना के लड्डू पकने पर थोड़े फूल जाएंगे। इससे समझना चाहिए कि लड्डू के अंदर मीठा दूध चला गया है।
वैकल्पिक मिश्रण
- संदेश के छोटे छोटे अंगूरी लड्डुओं को दूध में डाल दें।
- दूध के मिश्रण के स्वाद को परखें। आवश्यकता अनुसार मिठास की मात्रा को संतुलित करें।
- आंच को बंद करें।

- सुगंधित गुलाब जल के चार बून्द डालकर धीरे से मिला दें।
- व्यंजन को ठंडा होने दें।
- अब यह व्यंजन पूरी तरह से तैयार है।
व्यंजन का भंडारण करने की विधि
- मिष्ठान्न को हवा रहित डिब्बे में भरकर फ्रिज में रखें। यह व्यंजन कम से कम दो दिनों तक ताज़ा रहता है।
परोसने की विधि
- मिष्ठान्न को मुख्य भोजन, नाश्ता के साथ अथवा कोई भी पसंद अनुसार समय पर ठंडा ठंडा परोसें।
टिप्स:
- गाय के दूध से सबसे उत्कृष्ट छेना प्राप्त होता है। मिठाई का अंतिम परिणाम बहुत मुलायम एवं नरम होता है।
- भैंस का दूध से जो छेना प्राप्त होता है वह थोड़ा दानेदार और थोड़ा नरम सख्त होता है।
- बाजार में उपलब्ध पैकेट दूध से छेना तैयार करने के लिए हमेशा फुल क्रीम दूध का उपयोग करें, परिणाम मुलायम होगा।
- यह व्यंजन को तैयार करते समय थोड़ा शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें। यह करने से खुशबू में वृद्धि होगी।
- व्यंजन में कृत्रिम गुलाब जल एसेंस का उपयोग करते समय खास ध्यान रखें। यह द्रव्य की खुसबू तीव्र एवं स्वाद कड़वा होता है।
- पारंपरिक तरीके से छेना को हाथ से मसलकर मुलायम किया जाता है एवं यह कार्य में थोड़ा वक्त लगता है। व्यंजन का परिणाम देखने में दानेदार होता है।
ऐसे करें छेना के पानी का उपयोग।
- छेना के पानी को एक अलग कांच के बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें जो कभी भी दूध को फाड़ने के लिए उपयुक्त है।
- पूरी, पराठा अथवा भटूरे के लिए आटा गूंथते समय छेना के पानी का उपयोग करने से परिणाम अच्छा होता है।
- पनीर की सब्ज़ी अथवा अन्य सब्ज़ी को पकाते वक्त यह पानी को उपयोग में लाएं। यह पानी में दूध के सारे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
FAQ
Q.छेना का क्या अर्थ है?
Ans :- छेना दूध का एक द्विउत्पाद पदार्थ है। दूध में प्राकृतिक रूप से प्रोटीन तत्व केसीनोजेन मौजूद है। यह कसीनोजन अम्ल के संस्पर्श में आने पर जैविक रासायनिक विक्रिया का गठन होने लगता है एवं प्रोटीन तत्व जमकर तुरंत दूध से अलग हो जाता है। यह जमा हुआ पदार्थ ही छेना या पनीर कहलाता है।
Q.छेना खाने के क्या क्या फायदे हैं?
Ans :- छेना दूध से प्राप्त किया गया शुद्ध प्रोटीन तत्व है। इस तरह छेना में प्रोटीन के सारे पौष्टिक गुण मौजूद है। खनिज एवं विटामिन भी मौजूद है। शाकाहारी व्यक्तियों के लिए यह पदार्थ प्रोटीन का मुख्य स्रोत है।
Q. 1 kg दूध में कितना छेना मिलता है?
Ans :- 1 kg दूध को फाड़ने से लगभग 200 gm तक छेना प्राप्त होता है। दूध का मान अच्छा होने पर छेना थोड़ा अधिक भी प्राप्त हो सकता है।
Q.पश्चिम बंगाल में कौन सी मिठाई प्रसिद्ध है?
Ans :- पश्चिम बंगाल में रोसोगोल्ला, संदेश, छानार पायेश, भाँपा संदेश, खीर कदम, छानार पुलाव, राजभोग प्रसिद्ध है।
Q.क्या छेना और पनीर एक ही है?
Ans :- दूध को फाड़ कर छेना प्राप्त होता है। उसके बाद छेना को कपड़े में बांधकर किसी भारी वजन के नीचे दबाव में रख कर उसमे मौजूद पानी को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। अंतिम में पानी रहीत छेना को ही पनीर कहा जाता है। पानी निकल जाने से छेना सख्त गठन का बन जाता है जिसे काटकर विभिन्न व्यंजन तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
Q.बंगाली मिठाई में गाय के दूध का उपयोग क्यों किया जाता है?
Ans :- गाय के दूध से प्राप्त छेना सबसे अधिक मुलायम होता है जिससे मिठाई का मान एवं परिणाम उत्कृष्ट होता है।
Q.छेना पोड़ा कहाँ प्रसिद्ध है?
Ans :- ओडिशा। यह व्यंजन को बनाने के लिए छेना में शक्कर मिलाकर ओवन में अथवा कोई गहरे बर्तन में उच्चतम तापमात्रा पर बेक किया जाता है। यहाँ ‘पोड़ा’ शब्द का अर्थ है ‘जला हुआ’ यानी छेना को गरम ताप में जलाकर यह व्यंजन को तैयार किया जाता है।
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